कैसे ना मर मिटू उस पर यारों कोई तो बताना
पगली रूठ कर भी कहती है सुनो संभल के जाना
कैसे ना मर मिटू उस पर यारों कोई तो बताना
पगली रूठ कर भी कहती है सुनो संभल के जाना
तुझे याद करना न करना अब मेरे बस में कहाँ
दिल को आदत है हर धड़कन पे तेरा नाम लेने की
तेरी आशिकी ने ऐसा शायर बना दिया
की अब किसी को गाली भी दूं तो वो वाह वाह कर देता है
ख्वाहिशें भले पिद्दी सी हो लेकिन
उसे पूरा करने के लिए दिल जिद्दी सा होना चाहिए
ख्वाहिशें भले पिद्दी सी हो लेकिन
उसे पूरा करने के लिए दिल जिद्दी सा होना चाहिए
मिट्टी में मिला देती है हँसते हुए चेहरे
तकदीर को कहाँ रिश्तों की पहचान होती है
जख्मी हुआ इया दिल इसलिये हाथो में दबाया है
आपसे प्यार करके हमने यह रोग लगाया है
उस के सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं
ये दिल उस का है अपना होता तो बात और थी..
खुशबू क्यूँ न आये मेरी बातों से यारो
मैंने बरसोंसे एक ही फूल से मोहोब्त्त की है
गर इसी रफ़्तार से मानेंगे सब खुद को खुदा
एक दिन दुनिया में बन्दों की कमी हो जाएगी
आज भी कितना नादान है दिल समझता ही नहीं
बरसों बाद भी उनको देखा तो दुआएँ मांग बैठा
मैंने देख पलट के तो हुस्न यार शरमा गया
हाथ बढ़ाया मैंने तो बाहों में मेरी समा गया
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है
बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है
छोङो ना यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ
किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ
जरूरी नहीं पगली की तुम मुझसे बात करो
हम तो तुम्हे ऑनलाइन देख कर ही खुश हो लेते हे