हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब
हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी
हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब
हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी
किन लफ़्ज़ों में बयां करूँ अपने दर्द को ए ज़िन्दगी
सुनने वाले तो बहुत हैं समझने वाला कोई नहीं...
नीलाम कुछ इस कदर हुए बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज
बोली लगाने वाले भी वो ही थे जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे
बडे अरसे से हम single ही हे
क्यूंकी जैसी तैसी पसंद हम रखते नहीं और
जो पसंद हैै उसका Attitude हम सेहते नही
GRs
रेत पर नाम लिखते नहीं रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं
लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं
संगमरमर की तारीफ ना कर मुझसे तु कहे तो आँसुआं से मुहब्बत लिख दुं
चूमने के लिये झुक जाएगा ताजमहल भी जिस जमीं पर तेरा नाम लिख दू
Kabi Ji Bhar K Barsna
Kabi Bond Bond K Liye Tarsana
Maasom chehre ki kya baat yaar
Humko to hone laga hai pya
Ishq itne qareeb se guzra
Mai yeh samjha ke ho chuka mujh ko
Dil leke dard de dil de gye
tum jann jann khky mre jann le gye
Bharosa Dua Wafa Khawab Maan Mohabbat
Kitne Naam on Mein Simte Ho Sirf Ek Tum
Badi gustakiya karne laga hai ye dil
Jab se yeh terA hua hai Meri to sunta hi nai
Kyu teri khamoshi mujhe khamosh kr jati hai
kyu teri udasi mujhe udas kr jati hai
Lehron se khailna to sagar ka shoq hai
Lagti hai chott kaise, kinaroon se poochiye