ग़लतियाँ सुधारने का समय तब खत्म हो गया
जब pencil की जगह pen हाथ में आ गया
er kasz .

जब मुझे यकीन है के खुदा मेरे साथ है
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है

एक निद हे जो रात भर नही आती
और ये नसीब हे जो पता नही कब से सोया है

मुझे ढूँढने की कोशिश अब न किया कर
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंजिल बदल ली

माना की तु कीसी रानी से कम नही
पर इस बात मे कोई दम नही जब तक तेरे बादशाह हम नही
Er kasz

उसने थामा था मेरा हाथ उस पार जाने के लिये
मेरी एक ही तमन्ना थी कि कभी किनारा न आए
er kasz

कभी सोचा भी ना था के वो भी मुझे तनहा कर जाएगा.
जो अक्सर परेशान देख के कहता था मैं हूँ ना

में बंदूक और गिटार दोनों चलाना जानता हूं
तय तुम्हे करना हे की आप कौन सी धुन पर नाचोगे
er kasz

सुना है खुदा के दरबार से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए
कुछ तो वापस चले गए और कुछ हमारे यार हो गए
Er kasz

यूं तो तेरे शहर का मौसम ‪#‎खिलखिलाता‬ बहुत है
मगर फिरभी जाने क्यों आज वहां ‪#‎सन्नाटा‬ बहुत है

आख़री हिचकी तेरे ज़ानों पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ

इंसान जल्दी सो जाना चाहता है
मगर हालात उसे जागने पर मजबूर करते है

खूबसूरत जिस्म हो या सौ टका ईमान
बेचने की ठान लो तो हर तरफ बाजार है
er kasz

उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था
भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती…!!!

इस संसार मे सबसे आसान काम किसी की आलोचना करना
और सबसे मुश्किल किसी की तारीफ