जिनके चेहरे अक्सर मुस्कुराते हैं
उनकी आँखें हमेशा उदास होती हैं

इंतजार की और क्या हद होगी
हमारी तो आँखे भी खुली रही मरने के बाद
er kasz

मैं भी तेरे ईश्क में आतंकवादी बन जाऊं
तुझे बांहो में ले के बम से उड़ जाऊ

मुझे अपने लफ़्जो से आज भी शिकायत है
ये उस वक़त चुप हो गये जब इन्हें बोलना था

बुरी आदतें अगर, वक़्त पे ना बदलीं जायें
तो वो आदतें, आपका वक़्त बदल देती हैं

मार दो एक दफ़ा ही नशीला सा कुछ खिला के
क्यूँ जहर दे रहे हो मोहब्बत मिला मिला के

मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो
दिल बेचैन है बहुत,कहीं तुम उदास तो नहीं...

कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नही होता
एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है

👦‎मैं‬ ‪#‎लब‬ हूँ मेरी‬ बात ‪#‎तुम‬ हो ,
मैं ‪#‎तब‬ हूँ , ‪#‎जब‬ मेरे ‪#‎साथ‬ तुम हो .. Er kasz

है कौन सा ये शहर जहां कोई न हमसफर
बस्तियों में गुल खिले हैं, पर खुशबू है बेअसर
er kasz

मुमकिन है कि तेरे बाद भी आती होंगी बहारें
गुलशन में तेरे बाद कभी जा कर नहीं देखा

हमने खुशियोँ की तिजोरी उनके हवाले की थी,
लेकिन कमबख्त को मेरी हंसी ही चुरानी थी!!

फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं,
कब्रे जितनी भी सजा लो, कोई ज़िंदा नहीं होता .

अगर किसी दिन रोना आये तो कॉल करना,
हसाने की गारंटी नही देता हूँ, पर तेरे साथ रोऊंगा जरुर !

☄एक बार भूल से ही कहा होता कि हम किसी और के
भी है
.
खुदा कसम हम तेरे साये से भी दूर रहते.. ☄ Er kasz