यह भी बात बताना रानी देवता दिलदार को
नोटंकी मत करना उससे रखना सलामत प्यार को
यह भी बात बताना रानी देवता दिलदार को
नोटंकी मत करना उससे रखना सलामत प्यार को
बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना
Er kasz
हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत
चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये
Er kasz
अगर होता है इत्तेफाक़ तो यूँ क्यों नहीं होता
तुम रास्ता भूलो और मुझ तक चले आओ
"मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ..
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी...!!
जान-ए-तन्हा पे गुज़र जाएँ हज़ारों सदमे
आँख से अश्क रवाँ हों ये ज़रूरी तो नहीं
उसके आने की उम्मीद तो है पर भरोसा नहीं
मेरी नज़रों में अब वो काला धन हो गई है
Er kasz
लफ्ज़ों में वो बात कहाँ जो मज़ा आँखों ही आँखों में बात करने का हैं
वो कमाल हैं
क्यों ना सज़ा मिलती हमें मोहब्बत मैं
आखिर हम ने भी तो बहुत दिल तोड़े तेरी खातिर
कहते हैं इश्क में नींद उड़ जाती है
कोई हमसे भी इश्क करे कमबख्त नींद बहुत आती है
सौ दुश्मन बनाए हमने किसी ने कुछ नहीं कहा
एक को हमसफर क्या बनाया सौ ऊँगली उठ गई
मेरी रूह गुलाम हो गई है तेरे इश्क़ में शायद
वरना यूँ छटपटाना मेरी आदत तो ना थी
हमें भी आते है अंदाज़ दिल तोड़ने के
हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ मैं
क्या हसीन इत्तिफ़ाक था तेरे सामने आने का
किसी काम से आये थे ओर किसी काम के न रहे
ख्वाहिस तो बस इतनी है के तुम मेरे लफ्जो को समझो
आरजू यह नहीं की लोग वाह वाह करे