आसमान मे उडने वाले जरा यह खबर भी रख
जन्नत पहुंचने का रास्ता सिर्फ ‪माँ‬ के चरणों से होकर गुजरता है

सो जाता है वो रोज मालकिन की मार खाकर
सबके नसीब में माँ की लोरियाँ नहीं होती

जो हर सुबह सूरज से पहले उठ के मेरे लिए प्यार का डिब्बा भरती है
वो है मेरी माँ

Roti rahi sarri ratt vo islaiye
Jo pyas bhuj jaye uske bache ki

सो जाता है वो मालकिन की गालियाँ खा कर
सबके नसीब में माँ की लोरियाँ नहीं होती

उन पाक़ नज़रों से बचकर कभी निकल नहीं सका
दुनिया जीत ली मैंने मगर "माँ" को छल नहीं सका

सुबह सवेरे उठ जाती है देर रात को सोती है
कभी न छुट्टी कर पाती है माँ ऐसी ही होती है