गंदगी तो तेरे दिल के शहर में हो रही है
मेरा दिल तो आज भी पिछड़ा हुआ गाँव है

चलते रहेंगे काफ़िले मेरे बगैर भी यहाँ
एक तारा टूट जाने से फ़लक सूना नही होता

उसने महबूब ही तो बदला है ताज्जूब कैसा
दूआ कबूल ना हो तो लोग खूदा भी बदल लेते

घोंसले की फिक्र ने कैदी बनाकर रख दिया
पंख सलामत थे मेरे पर मैं उड़ न सका

तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले..!!
बर्बाद कर दिया तेरे दौ दिन के प्यार ने !! 😌😌 Er kasz

झूठ है सब तारीख हमेशा अपने को दोहोराती है
अच्छा मेरा ख्वाब-ए-जवानी थोड़ा सा दोहराए तो

हादसा एक दम नहीं होता
वक़्त करता है परवरिश बरसों

दिल टूटता है तो सिर्फ अपनी ही गलतीयों से
उसने कब कहा था मुझसे उम्मीद-ए-वफा रखो

👦‎मैं‬ ‪#‎लब‬ हूँ मेरी‬ बात ‪#‎तुम‬ हो ,
मैं ‪#‎तब‬ हूँ , ‪#‎जब‬ मेरे ‪#‎साथ‬ तुम हो .. Er kasz

जी भर कर जुल्म कर लो......
क्या पता मेरे जैसा कोई बेजुबान तुम्हें फिर मिले ना मिल*::*""!! Er kasz

नजर चाहती है दीदार करना दिल चाहता है प्यार करना
क्या बताऊँ इस दिल का आलम नसीब में लिखा है इंतज़ार करना

आँख खुली तो जाग उठी हसरते तमाम
उसको भी खो दिया जिसको पाया था ख्वाव में

कल घर से निकले थे, माँ के हाथो के बने पराठे खा कर...
आज सड़क किनारे चाय तलाश रही है जिंदगी...!! Er kasz

प्यार मोहब्बत आशिकी..
ये बस अल्फाज थे..
मगर.. जब तुम मिले..
तब इन अल्फाजो को मायने मिले !!
•• Er kasz

नज़र चाहती है आपका दीदार करना दिल चाहता है प्यार करना
या बतायें इस दिल की बेकरारी का आलम शायद नसीब में ही लिखा है आपका इंतजार करना