दिल गिरवी है उस के पास
मोहब्बत क़र्ज़ ली थी जिस से..
साँस तो लेने दिया करो
आँख खुलते ही याद आ जाते हो !!!
कुछ तो बेवफाई मुझमें भी है...
जिंदा हूँ तेरे बगैर...!!
यु तो किसी चीज के मोहताज नही हम.
बस एक तेरी आदत सी हो गयी है.
निकाल दे दिल से ख्याल उसका
यादें किसी की तकदीर नहीं बदला करती |
जनाजा उठा है आज मेरी कसमों का
एक कंधा तो तेरे वादो का भी बनता है
मैं तुझ पे अपनी जान तक लुटा दूँ..
तू मुझ से मुझ जैसी मोहब्बत तो कर.
तुझसे से कैसे गिला ऐ नादान
कुछ रिश्तों की उम्र ही कम होती है
Er kasz
हमे जब नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे के लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए…!!
इश्क़ वो खेल नही जिसे बच्चे खेले
जान निकल जाती है सदमे सहते सहते
कही आदत ना हो जाये जिंदगी की,
इसलिए! रोज़ रोज़ थोड़ा थोड़ा मरते है हम...!!
तुम तुम तुम और सिर्फ तुम
एक लम्हा भी सरकता नहीं तुम्हारे बिना
जिंदगी से कोई दुश्मनी नही मेरी
एक ज़िद है की बस तेरे बिना नही जीना
खामोशी भी बहुत कुछ कहती है.
पर कान नहीं दिल लगाकर सुन्ना पड़ता है..
बना कर छोड़ देते हैं अपनी ज़ात का आदि
कुछ लोग यूँ भी इंतकाम लेते हैं