अपनों से अच्छा तो गम है..
साथ ही नहीं छोड़ता

Tujhe Haq Diya Hai Maine Dillagi Ka Aye Sanam
Tu Mere Dilse Khel Jab Tak Tera Dil Behal Na Jaye

तुमने मुझे छोड़ कर किसी और का हाथ तो थाम लिया है
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं करता

नसीब का खेल भी अजीब तरह से खेला हमने
जो न था नसीब में उसी को टूट कर चाह बैठे

मुझे हीर रांझा की कहानियां मत सुना
ए इश्क़
सीधा सीधा बोल के मेरी जान चाहिए.

मोहब्बतें अधूरी रह जाती है
तभी तो शायरियां पूरी होती है

वो अच्छे हैं तो होंगे औरो के लिए
हमारा तो बुरा हाल कर रखा है

ऐ दिल सोजा अब तेरी शायरी पढ़ने वाली
किसी और शायर की गजल बन गयी है

बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ख्याल रखना

बेइंतहा इश्क़ करने लगे हैं उनसे
इक पल मिलना हमसे जिसे गवारा नहीं

अब तो बहुत कम है दर्द मेरे दिल का
सुना है किसी से पूछा था उसने हाल मेरा

ज़िन्दगी में अगर कोई अच्छा लगे तो ,
उसे सिर्फ चाहना, प्यार मत करना..
क्योकि प्यार ख़त्म हो जाता है
लेकिन चाहत कभी ख़त्म नहीं होती....

इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं

सच ही कहा था किसी ने तनहा जीना सीख
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो तनहा छोड़ जाती है

गलतफहमी मे जीने का मजा कुछ और ही है
वरना हकीकत तो अक्सर रुला देती है