खुल जाता है उनकी यादो का बाजार हर शाम
फिर अपनी रात उसी रौनक मेँ गुजर जाती है
er kasz

हो सकती है जिंदगी में मोहब्बत दोबारा भी
बस हौंसला चाहिए फिर से बर्बाद होने का

तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं मांगी थी
क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं मांगी थी

शायरी करना भी तो एक नेकी का काम है
कितने बिछड़े हुए लफ़्जो को मिला देता हूँ
Er kasz

कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो
er kasz

शिकस्त पर शिकस्त दिये जा रही है ज़िन्दगी
जाने किस राह लिये जा रही है ज़िन्दगी

पीते पीते ज़हर ए जिंदगी जिस्म नीला पड गया
देखना कुछ दिनों में आसमां हो जाऊँगा

आज बरसों का जख्म उभर कर सामने आया
जब उसने किसी गैर को अपना और मुझे अजनबी बताया।

छोड़ तो दिया मुझे पर कभी ये सोचा है
तुमने अब कभी झूँठ बोला तो कसमें किसकी खाओगी

उडती जो कल तक आकाश में आज है कटी पतंग
लहराकर गर्त में गिरने लगी कैसे निभाऊं संग

" धडकनें इस दिल की कभी बंद
नहीं होगी...
बस तुम इस दिल से निकल कर
कहीं मत जाना." Er kasz

करो फिर से कोई वादा कभी ना बिछड़ने का
तुम्हेँ क्या फर्क पड़ता है फिर से मुकर जाना

👦‎मैं‬ ‪#‎लब‬ हूँ मेरी‬ बात ‪#‎तुम‬ हो ,
मैं ‪#‎तब‬ हूँ , ‪#‎जब‬ मेरे ‪#‎साथ‬ तुम हो .. Er kasz

जिन्दगी मे दो चीज़े कभी मत कीजिए
झूठे आदमी के साथ प्रेम और सच्चे आदमी के साथ गेम

थोड़ी सी जगह दे दो दिल के किसी कोने में
मेरा हैसियत नहीं है पूरा दिल सँभालने की