न जी भर के देखा न कुछ बात की
बडी आरज़ु थी मुलाकात की
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कितनी मासूम सी तम्मना है
नाम अपना तेरी ज़ुबां से सुनु
बुरा हमेशा वही बनता हे
जो अच्छा बनके टूट चूका होता हे
वो मुझे नफ़रत करें या प्यार करें
मैं तो एक दीवाना हूँ
साँस तो लेने दिया करिये जनाब
आँख खुलते ही याद आ जाते हो
तू मुहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जाने का हौसला है मुझ में
पैदा तो में भी शरीफ हुवा था
पर शराफत से अपनी कभी नही बनी
प्यार ज़िन्दगी बदल देता है
मिल जाये तो भी, ना मिले तो भी
रहने की कुछ बहतरीन जगहों में से
एक जगह अपनी औकात भी हैं
मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है
मिल जाए तब भी ना मिले तब भी