अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का
दिल ही तो था भर गया होगा

मुझे मिल गई है मुहब्बत की मंजिल
कोई पूछ ले मेरे हम सफ़र से

मुहब्बत के साए में आज़ाद रह कर
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है

होठों के किनारे लटकी हुई है
ये बेवजह मुस्कराहट अच्छी है

सुनो नफरत है मुझे हर एक आईने से
जो बड़ी गौर से देखता है तुझे

भरोसा जितना कीमती होता है...
धोखा उतना ही महंगा हो जाता है...Er kasz

अगर पूरा ज़माना भी मेरा होता ना
जाना फिर भी हम तेरे ही होते

कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को
जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ

क़ैदखाने हैं बिन सलाखों के
कुछ यूँ चर्चे हैं उनकी आँखों के

हुनर सड़कों पर तमाशे करता है
और किस्मत महलो में राज करती है

तुम्ही आकर थाम लो ना मुझे
सब ने छोड़ दिया है मुझे तेरा समझकर

तेरे सपनो की रंगीन तस्वीर हु
चाहे दिल जोड़ ले चाहे दिल तोड़ दे

कमाल करते हो ऐ दिल तुम भी
उसे फुरसत नहीँ और तुम्हेँ चैन नहीँ

बात नसीब पर आकर रुक गयी
वरना कोई कसर न छोड़ी थी तुझे चाहने में

ये ना समझना की तेरे आसरे हूँ,
में मोहब्बत का बाल ठाकरे हूँ
er kasz