एक बार जीतो एक अखबार के दफ्तर में अपने पति संता का निधन सन्देश अखबार में प्रकाशित करवाने जाती है और वहां जाकर अखबार के प्रकाशक से कहती है; जीतो: भाई साहब मेरे पति का निधन हो गया है और मुझे उनके निधन का सन्देश अखबार में छपवाना है! जीतो की बात सुन प्रकाशक जवाब देता है; प्रकाशक: जी ठीक है परन्तु इसके लिए आपको 100 रूपए प्रति शब्द के हिसाब से हमें पैसे का भुगतान करना होगा! प्रकाशक की बात सुन जीतो जवाब देती है; जीतो: ठीक है तो आप बस इतना सन्देश छाप दीजियेगा की संता मर गया ! जीतो की बात सुन प्रकाशक कहता है; प्रकाशक: मैं माफ़ी चाहूँगा मैडम पर ऐसे किसी भी सन्देश में कम से कम छः शब्द होने अनिवार्य हैं! जीतो कुछ देर सोचती है और कहती है; जीतो: ठीक है तो फिर यह प्रकाशित कर दीजियेगा कि संता मर गया स्कूटर बिकाऊ है !

एक बार संता शाम को घर आया टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ। जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई। चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला इससे पहले शुरू हो जाये मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ। जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी। थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला इससे पहले की शुरू हो जाये यह बर्तन उठाओ यहाँ से। जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है। संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला लो शुरू हो गया।

एक बार संता शाम को घर आया टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ। जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई। चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला इससे पहले शुरू हो जाये मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ। जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी। थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला इससे पहले की शुरू हो जाये यह बर्तन उठाओ यहाँ से। जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है। संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला लो शुरू हो गया।

जीतो: अगर मैं मर जाऊं तो तुम क्या करोगे? क्या तुम दूसरी शादी कर लोगे? संता: बिलकुल नहीं! जीतो: क्यों नहीं- क्या तुम शादी करना नहीं चाहते? संता: करना तो चाहता हूँ! जीतो: फिर तुम दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेते? संता: ठीक है! मैं दूसरी शादी कर लेता हूँ! जीतो: तुम्हें करनी चाहिए! (दुःख के साथ उसके चहेरे को देखकर) संता: भारी मन के साथ हाँ बिलकुल! जीतो: क्या उसके बाद तुम हमारे घर में रहोगे? संता: हाँ ये काफी बड़ा घर है! जीतो: क्या तुम उसके साथ हमारे बेड पर सोओगे? संता: तो फिर हम कहाँ सोयेंगे! जीतो: क्या तुम उसे मेरी गाड़ी चलाने दोगे? संता: बिलकुल ये अभी काफी नयी है! जीतो: क्या तुम उसे मेरे गहने दोगे ? संता: नहीं मुझे लगता है उसके पास अपने गहने होंगे! जीतो: क्या वो मेरे जूते भी पहेनेगी? संता: नहीं उसका जूता 6 नम्बर का है! जीतो: चुप.... संता: ओह नो!

संता और जीतो की शादी हो गयी! संता ने सोचा ये एक नए ज़माने की शादी है इसलिए दोनों की जिम्मेवारियां बराबर होनी चाहिए! इसलिए हनीमून से लौट कर पहली ही सुबह संता जीतो के लिए बिस्तर पर ही ब्रेकफास्ट लाया! जीतो उसकी पाक कला से ज्यादा प्रभावित नहीं हुई उसने बड़े अनादर से ट्रे की तरफ देखा और सूंघकर कहा! उबला हुआ अंडा मुझे तो तला हुआ अंडा चाहिए था! अगली सुबह संता पूरे जोश में अपनी पत्नी की पसंद का तला हुआ अंडा ले आया जीतो ने वो भी नहीं खाया तुम्हें पता नहीं मुझे अलग अलग किस्म के अंडे पसंद है? आज मुझे उबला हुआ अंडा चाहिए था! अपनी पत्नी को खुश करने के लिए अगले दिन सुबह बंता ने उसकी पसंद के दो अंडे बनाये एक उबला हुआ एक तला हुआ और कहा लो मेरी जान खाओ! जीतो एकदम गुस्से हो गयी तुम मूर्ख हो! तुमने गलत अंडा तल दिया और गलत उबाल दिया!

वह दिन भी कैसे थे जब मच्छर भगाने के लिए रात में किसी तरह कि सुविधा नही थी और लोगों को सारी रात जाग कर काटनी पड़ती! संता भी इसी तरह की रातें गुजारा करता एक दिन वह सोने की कोशिश कर रहा था कि उसके कान के पीछे एक मच्छर आया और उसकी नींद में विघ्न डाल दिया! मच्छर कान के पीछे लगातार गू.आ.आ.ऊँ.ऊँ गू...आ...आ...ऊँ...ऊँ कर रहा था! संता को बहुत गुस्सा आया और वह उठकर बैठ गया उसने हवा में इधर-उधर हाथ मारे पर उसके हाथ मच्छर नही लगा! काफी कोशिश के बाद उसने मच्छर को अपने हाथ में पकड़ लिया उसे मच्छर पर बड़ी दया आयी उसने उसे मारा नही पर उससे बदला लेने का फैसला किया! उसने मच्छर को हाथ पर सुलाया और लोहरी गाने लगा सो जा मच्छर बेटे ..सो जा थोड़ी देर में उसने देखा कि मच्छर उसके हाथ पर सो गया है तब संता चुपके से उसके नजदीक गया और गू.आ.आ.ऊँ.ऊँ गू...आ...आ...ऊँ...ऊँ करने लगा!

संता और जीतो की शादी हो गयी संता ने सोचा ये एक नए ज़माने की शादी है इसलिए दोनों की जिम्मेवारियां बराबर होनी चाहिए। इसलिए हनीमून से लौट कर पहली ही सुबह संता जीतो के लिए बिस्तर पर ही ब्रेकफास्ट लाया। जीतो उसकी पाक कला से ज्यादा प्रभावित नहीं हुई उसने बड़े अनादर से ट्रे की तरफ देखा और सूंघकर कहा उबला हुआ अंडा मुझे तो तला हुआ अंडा चाहिए था। अगली सुबह संता पूरे जोश में अपनी पत्नी की पसंद का तला हुआ अंडा ले आया जीतो ने वो भी नहीं खाया तुम्हें पता नहीं मुझे अलग अलग किस्म के अंडे पसंद है? आज मुझे उबला हुआ अंडा चाहिए था। अपनी पत्नी को खुश करने के लिए अगले दिन सुबह बंता ने उसकी पसंद के दो अंडे बनाये एक उबला हुआ एक तला हुआ और कहा लो मेरी जान खाओ। जीतो एकदम गुस्से हो गयी तुम मूर्ख हो! तुमने गलत अंडा तल दिया और गलत उबाल दिया।

संता पहली बार चण्डीगढ़ गया वह रॉक गार्डन देखने जाना चाहता था! पर उसे पता नहीं था की वहां कैसे पहुंचा जा सकता है! तभी उसे पुलिस वाले की गाड़ी दिखी उसने पुलिस वाले से पूछा सर क्या आप मुझे बता सकते हैं की मैं रॉक गार्डन कैसे जा सकता हूँ? पुलिस वाले ने कहा तुम इस बस स्टॉप पर 46 नम्बर की बस लेना वो सीधी तुम्हें वहीँ ले जाएगी! उसने पुलिस वाले को धन्यवाद कहा और पुलिसवाला अपनी गाड़ी में आगे निकल गया तीन घंटे बाद जब पुलिस वाला उसी जगह से वापिस आ रहा था तो उसने देखा संता अभी भी वहीँ पर बस का इंतजार कर रहा है! पुलिस वाला अपनी गाड़ी से बाहर आया और संता से पूछने लगा क्या तुम अभी तक रॉक गार्डन नहीं गए? मैंने तुम्हें कहा था कि यहाँ से 46 नंबर की बस ले लेना पर तुम अभी तक यहीं हो? चिंता न करे सर 46 अब ज्यादा दूर नहीं है ये अभी 43वीं बस थी जो चली गयी!

संता और बंता एक मठ में धार्मिक सेवायें देने के लिए पहुंचे संता ने बंता को पूछा कि क्या जो धुम्रपान करता है उसे धार्मिक सेवाएं देने का अधिकार है? बंता ने कहा तुम धर्मगुरु से क्यों नहीं पूछ लेते! बंता धर्मगुरु के पास जाता है और पूछता है गुरुजी क्या मैं प्रार्थना करते हुए धुम्रपान कर सकता हूँ? धर्मगुरु ने कहा नहीं बेटा बिलकुल नहीं इससे धर्म का निरादर होता है! संता वापिस बंता के पास आया और कहा कि धर्मगुरु ने ये सब कहा! बंता ने उसे कहा कि अरे संता तुमने प्रश्न ही गलत किया अब मैं कोशिश करता हूँ! फिर बंता धर्मगुरु के पास जाता है और पूछता है कि गुरुजी क्या मैं धुम्रपान करते हुए प्रार्थना कर सकता हूँ? जिस का धर्म गुरु ने सहमति के साथ उतर दिया बिल्कुल कर सकते हो बेटा बिल्कुल कर सकते हो तुम जब चाहो तब प्रार्थना कर सकते हो!

एक ट्रेन जो पटरी से जा रही थी अचानक पटरी से उतरकर इधर उधर के खेतों में गई और फिर से पटरी पर वापस आ गई! वहां आसपास के लोग और रेलगाड़ी के यात्री थोड़ी देर के लिए सहम गए थे पर जब रेल अपने ट्रैक पर वापिस आ गयी तो सब सामान्य हो गए! अगले स्टेशन पर रेलगाड़ी चालक को पकड़ा गया तो पता चला कि चालक संता सिंह था! उससे पूछताछ हुई और उससे कुछ सवाल पूछे गये! संता सिंह ने बताया कि एक आदमी पटरी पर खड़ा था और मेरे इतने हॉर्न बजाने के बावजूद वह पटरी से हटने के लिए तैयार नही था! तो पूछताछ करने वाले अफसर ने कहा संता सिंह क्या तुम पागल हो? एक आदमी की जान बचाने के लिए पता है तुमने कितने लोगों की जान दाव पर लगा दी थी तुम्हें तो उस आदमी को कुचलना चाहिए था! संता: वही तो मैं करने जा रहा था लेकिन जब ट्रेन उसके एकदम नजदीक आ गई वह बेवकूफ खेतों में इधर-उधर भागने लगा!

बंता को आत्मघाती हमलावर दस्ते में नियुक्त किया गया उसे एक मिशन दिया गया कि शत्रुओं के खेमें में जाकर अपने आप को मार दे! उसके उच्च अधिकारी ने उसे बहुत से हथियार दे दिए और कुछ बम उसके शरीर से बांध दिए और एक मोबाइल दिया जिससे उनकी बातचीत होती रहे! वह जैसे ही शत्रुओं के खेमें में पहुंचा उसने अपने बॉस को फ़ोन किया! सर यहं पर दो शत्रु सैनिक है क्या मैं अब खुद को मार दूँ! उच्च अधिकारी: नही केवल दो सैनिकों के लिए नही रुको जब तक काफी सैनिक न इकट्ठे हो जाये! बंता: अब जहाँ में खड़ा हूँ वहां लगभग 25-30 सैनिक खड़े है क्या अब मार दूँ? उच्च अधिकारी: नही थोड़े और बढ़ने दो! बंता: अब मेरे चारों ओर कोई 100 सैनिक है क्या में अब खुद को मार दूँ! उच्च अधिकारी: हाँ बिल्कुल... आगे बढ़ो... बहादुरी से लड़ो.. देश के लिए जान दे दो... बंता ने चाकू निकाला और अपनी छाती पर मार दिया!

संता बंता और उनका एक दोस्त बीयर बार में बीयर पीने गए! जब वह पीने लगे तो संता बोला लगता है बाहर बारिश हो रही है और हमारे पास छतरी भी नहीं है तीनों में ये बात चल पड़ी की छतरी लाने के लिए कौन जाएगा गरमागरम बहस के बाद तय हुआ कि बंता छतरी लेने के लिये घर जाये! बंता ने गुस्से में कहा मेरे जाने पर तुम मेरी सारी बीयर पी जाओगे उन्होंने उसे विश्वास दिलाया कि वे दोनों उसके हिस्से की बीयर नहीं पीयेंगे उसके हिस्से की ज्यों की त्यों रखी रहेगी तब कहीं बंता छतरी लेने चला गया! रात गहराने लगी पर बंता वापिस लौटकर नहीं आया संता अपने दोस्त को बोला क्यों न बंता के हिस्से की बीयर भी पी ही ली जाये अब तो वो आने से रहा! दूसरा बोला मैं भी यही सोच रहा था आओ पीते हैं! तभी बार के एक कोने की छोटी सी खिड़की से तेज आवाज आई अगर पीओगे तो मैं छतरी लेने नहीं जाऊंगा!

बंता को आत्मघाती हमलावर दस्ते में नियुक्त किया गया उसे एक मिशन दिया गया कि शत्रुओं के खेमें में जाकर अपने आप को मार दे। उसके उच्च अधिकारी ने उसे बहुत से हथियार दे दिए और कुछ बम उसके शरीर से बांध दिए और एक मोबाइल दिया जिससे उनकी बातचीत होती रहे। वह जैसे ही शत्रुओं के खेमें में पहुंचा उसने अपने बॉस को फ़ोन किया। सर यहं पर दो शत्रु सैनिक है क्या मैं अब खुद को मार दूँ। उच्च अधिकारी: नही केवल दो सैनिकों के लिए नही रुको जब तक काफी सैनिक न इकट्ठे हो जाये। बंता: अब जहाँ में खड़ा हूँ वहां लगभग 25-30 सैनिक खड़े है क्या अब मार दूँ? उच्च अधिकारी: नही थोड़े और बढ़ने दो। बंता: अब मेरे चारों ओर कोई 100 सैनिक है क्या में अब खुद को मार दूँ। उच्च अधिकारी: हाँ बिल्कुल... आगे बढ़ो... बहादुरी से लड़ो.. देश के लिए जान दे दो... बंता ने चाकू निकाला और अपनी छाती पर मार दिया।

संता आज रोजमर्रा के समय से पहले ही घर पहुँच गया जीतो अपने प्रेमी के साथ घर के अन्दर थी उसने जल्दी जल्दी अपने प्रेमी को अलमारी में छिपा दिया! थोड़ी देर बाद उसने संता से कहा कि चलो डिनर कर लेते हैं! जब वे खाना खा रहे थे तो संता को अलमारी में कोई आवाज सुनाई दी संता ने पूछा ये क्या है डार्लिंग? जीतो ने कहा कुछ नही जैकेट होगा! कुछ समय बाद फिर उसे वही आवाज सुनाई दी संता ने फिर चिढ़कर कहा अरे ये फिर से आवाज हुई! जीतो ने कहा कुछ नही जैकेट है! थोड़ी देर बाद संता को फिर वही आवाज सुनाई दी संता गुस्से में मैं ही देखता हूँ ये क्या है उसने जीतो से कहा अगर ये जैकेट नही हुआ न तुम्हें बहुत पछताना पड़ेगा! संता ने जैसे ही अलमारी का दरवाजा खोला उसने देखा एक आदमी उसकी और पिस्तौल ताने खड़ा है संता ने चुपचाप दरवाजा बंद किया और और कहने लगा डार्लिंग सच में ...जैकेट ही है!

संता ने एक लॉटरी टिकट ख़रीदा और उसकी लॉटरी भी निकाल गयी! वह लॉटरी का दावा करने के लिए लॉटरी टिकट लेकर अपने नम्बर की पुष्टि करने जाता है! संता वहां बैठे आदमी से कहता है कि मैंने लॉटरी के 10 लाख रूपए जीते है और वे मुझे अभी चाहिए! वहां बैठा आदमी संता से कहता है कि सर हम इस तरह लॉटरी का पूरा पैसा एक ही बार में आपको नही दे सकते हम आपको अभी एक लाख देंगे और बाकि के नौ लाख अगले नौ साल में देंगे! संता ने कहा अरे ऐसा नही होता मैंने लॉटरी जीती है और मुझे सारा पैसा अभी के अभी चाहिए! वह आदमी फिर से कहने लगा देखिये सर हम अभी आपको केवल एक लाख ही दे सकते हैं बाकि की राशि अगले नौ सालों में ही देंगे! संता ने बहुत ही गुस्से में उस आदमी से कहा देखो मुझे मेरा पैसा चाहिए अगर तुम मुझे 10 लाख अभी नही दे सकते हो तो मेरा वह 100 रूपया वापिस कर दो जिससे मैंने लॉटरी का टिकट ख़रीदा था!