अौकात की बात मत कर पगली
हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है

कल ही तो तोबा की मैंने शराब से
कम्बक्त मौसम आज फिर बेईमान हो गया

तू जाहिर है लफ्ज़ों में मेरे
मैं गुमनाम हुँ खामोशियों में तेरी

तुम्हे तकलीफ न हो जरा भी चलने में
लो यह दिल चप्पल की जगह पहन लो
er kasz

जब आयने मे देखते है तब छोटीसी Smile आ जाती है
Bcz मुस्कुराने की वजा तुम हो

खफा नहीं हूँ तुझसे ए जिंदगी
बस जरा दिल लगा बैठा हूँ इन उदासियों से

भले थे तो किसी ने हाल त़क नहीं पूछा
बुरे बनते ही हर तरफ अपने चरचे हैं

कहीं तो दर्द होगा कोई सीने में ज़रूर
यूँ ही हर एक तनहा शायर नहीं होता

दिल तो करता है चिर के रख दू ऐ दिल तुझे
ना तू रहे मुझ में ना वो रहे तुझ में

बेवफाई के सितम तुमको भी समझ आ जाते
काश होता अगर तुम जैसा तुम्हारा कोई

जख्मो को हरा रखना अच्छा लगता है
यही तो सबूत बाकि हैं तेरी मुहोब्बत के

हर इसान अपनी जुबां के पीछे छुपा हुआ है
अगर उसे समझना है तो उसे बोलने दो

अपना वजूद मत बताओ हमें साहिब
हम झाँक कर दिलों की गहराई जान लेते हैं
Er kasz

अब इतना भी सादगी का जमाना नही रहा
की तुम वक़्त गुजारो और हम प्यार समझें

दोस्तो सोच रहा हुं दिल का बीमा करवा दु
साला कोई ना कोई इसे तोड ही देता है