चरण उनके ही पूजे जाते हैं
जिनके आचरण पूजने योग्य होते हैं
चरण उनके ही पूजे जाते हैं
जिनके आचरण पूजने योग्य होते हैं
जब चल पड़े हो सफ़र को तो फिर हौसला रखो
सहरा कहीं कहीं पे समंदर भी आएगा
चाहे तो दिल की किताब खोल भी देते हम,
मगर उस पढने वाले को फुरसत ही नही थी...!
बिना मकसद बहुत मुश्किल है जीना
खुदा आबाद रखना दुश्मनों को मेरे।
ऐसा जीवन जियो कि अगर कोई आपकी बुराई भी करे
तो कोई उस पर विश्वास ना करे
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इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत,
आँख जब भी नम हुई वजह कोई अपना ही निकला !!
कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते……
हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है..
शिकायत मौत से नहीँ अपनो से थी मुझे
ज़रा सी आँख बंद क्या हुई वो कब्र खोदने लगे !
नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो
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इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज गजब की हैं
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन
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ज़िन्दगी इतनी भी मज़बूर नहीं ए दोस्त
ज़िगर से जियो तो मौत भी जीने की अदा बन जाती है
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है
बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है
Er kasz
बुलंदी की उड़ान पर हो तो जरा सब्र रखो
परिंदे बताते हैं, आसमान में ठिकाने नहीं होते
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ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब
राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं
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दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है
दोस्त ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है
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