मेरे दिल के अहसासो को समझा न कोई ...हर एक ने मेरे दर्द का तमाशा बना दिया...Er kasz

मुझे किसी के छोड़ जाने का दुख नहीं
बस कोई ऐसा था जिस से यह उम्मीद ना थी..

सम्भाल के रखना अपनी पीठ को...
शाबाशी " और " खंजर "दोनों वहीं मिलते है ...Er kasz

जब सब तेरी मर्ज़ी से होता है..
तो ए खुदा ये बन्दा गुन्हेगार कैसे हो गया..

बताऊँ तुम्हे पहचान उदास लोगों की,
कभी गौर करना, ये लोग हँसते बहुत है....!!

लिखेंगें तेरे लिऐ रोज कुछ न कुछ
इसी मेरे ख्याल ने मुझे शायर बना दिया

जहा हर बार अपनी बातो पर सफाई देनी पड़ जाए.
वो रिश्ते कभी गहरे नही होते ..!!

तू इक क़दम भी जो मेरी तरफ बढ़ा देता
मैं मंज़िलें तेरी दहलीज़ से मिला देता

भूल जाना तुम मुझे पर ये याद रखना
तेरी रूह रोयेगी जब कोई मेरा नाम लेगा

भुला देंगे तुम को भी ज़रा सबर तो करो,
रग रग में बसे हो, कुछ वक़्त तो लगेगा..!

भुला देंगे तुम को भी ज़रा सबर तो करो,
रग रग में बसे हो, कुछ वक़्त तो लगेगा..!

अक्श हर शख्स मे उसी का दिखाई देगा तुम्है
चाहते हो हर-पल हर-लम्हा जिसे

इज़हारे मुहब्बत पे अजब हाल है उनका
आँखें तो रज़ामंद हैं, लब सोच रहे हैं

बना के ताजमहल एक दोलतमन्द आशिक ने,
गरीबो की मोहब्बत का तमाशा कर दिया..

ये तेरी मेरी ही नहीं इस जहाँ में समझ ले
ईश्क की दास्तां हर एक अधूरी है