एक बालक जिद पर अड़ गया .... बोला की छिपकली खाऊंगा। घरवालों ने बहुत समझाया पर नहीं माना। हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया। वे जिद तुड़वाने में महारथी थे। गुरु के आदेश पर एक छिपकली पकड़वाई गई. उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रख गुरु बोले ले खा... बालक मचल गया। बोला तली हुई खाऊंगा। गुरु ने छिपकली तलवाई और दहाड़े ले अब चुपचाप खा. बालक फिर गुलाटी मार गया और बोला आधी खाऊंगा। छिपकली के दो टुकड़े किये गये। बालक गुरु से बोला पहले आप खाओ । गुरु ने आंख नाक और भी ना जाने क्या क्या भींच किसी तरह आधी छिपकली निगली गुरु के छिपकली निगलते ही बालक दहाड़ मार कर रोने लगा और बोला आप तो वो टुकड़ा खा गये जो मैंने खाना था। गुरु ने धोती सम्भाली और वहां से भाग निकले कि अब जरा भी यहां रुका तो ये दुष्ट दूसरा टुकड़ा भी खिला कर मानेगा। यह देख मुझे अरविन्द केजरीवाल की याद आ गयी। करना-धरना कुछ नहीं नौटंकी दुनिया भर की।

बीमा कंपनी के तीन सेल्समैन अपनी अपनी कंपनी की तेज सर्विस के विषय में बातें कर रहे थे! पहला कहने लगा यार हमारी कंपनी की सर्विस इतनी तेज है कि जब हमारी कंपनी द्वारा बीमाकृत व्यक्ति की सोमवार को अचानक मृत्यु हो गयी हमें इस बात का पता उसी शाम को चला और हमारी कंपनी ने बुधवार को ही मुआवजे की सारी रकम उनके घर पहुंचा दी! दूसरा आदमी बोला अरे यार जब हमारी कंपनी द्वारा बीमाकृत व्यक्ति मरा था तो जैसे ही हमारी कंपनी को पता चला तो हमारी कंपनी ने उसी शाम को उनके घर जाकर मुआवजे की सारी रकम दे दी! आखिरी सेल्समैन ने कहा अरे ये तो कुछ भी नही! हमारा ऑफिस एक बिल्डिंग के 20वें माले पर है और उस बिल्डिंग में लगभग 70 मंजिलें है हमारी कंपनी का बीमाकृत व्यक्ति 70 वें माले पर खिड़की साफ़ कर रहा था उसका पैर फिसला और वह नीचे गिर गया! जब वह हमारे ऑफिस तक पहुंचा तो हमने उसके मुआवजे वाला चैक उसके हाथ में ही पकड़ा दिया!

जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में था उस समय भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार से नीति राजनीति और शक्ति का महान् पंडित विदा ले रहा है तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता। श्रीराम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में पड़े रावण के सिर के नजदीक जाकर खड़े हो गए। रावण ने कुछ नहीं कहा। लक्ष्मण जी वापस रामजी के पास लौटकर आए... तब भगवान ने कहा कि यदि किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए न कि सिर की ओर। यह बात सुनकर लक्ष्मण जाकर इस बार रावण के पैरों की ओर खड़े हो गए। उस समय महापंडित रावण ने लक्ष्मण को तीन बातें बताई जो जीवन में सफलता की कुंजी है। पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण को बताई वह ये थी कि What s app से दूर रहना। दूसरी बात Facebook का प्रयोग मत करना। और तीसरी बात गाड़ी चलाते समय Mobile मत इस्तेमाल करना। नहीं तो बड़ा बुरा हाल होगा।

जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में था उस समय भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार से नीति राजनीति और शक्ति का महान् पंडित विदा ले रहा है तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता। श्रीराम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था में पड़े रावण के सिर के नजदीक जाकर खड़े हो गए। रावण ने कुछ नहीं कहा। लक्ष्मण जी वापस रामजी के पास लौटकर आए... तब भगवान ने कहा कि यदि किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए न कि सिर की ओर। यह बात सुनकर लक्ष्मण जाकर इस बार रावण के पैरों की ओर खड़े हो गए। उस समय महापंडित रावण ने लक्ष्मण को तीन बातें बताई जो जीवन में सफलता की कुंजी है। पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण को बताई वह ये थी कि What s app से दूर रहना। दूसरी बात Facebook का प्रयोग मत करना। और तीसरी बात गाड़ी चलाते समय Mobile मत इस्तेमाल करना। नहीं तो बड़ा बुरा हाल होगा।

एक बीमा कंपनी के तीन सेल्समैन अपनी अपनी कंपनी की तेज सेवा के विषय में बातें कर रहे थे। पहला कहने लगा यार हमारी कंपनी की सर्विस इतनी तेज है कि जब हमारी कंपनी द्वारा बीमाकृत व्यक्ति की सोमवार को अचानक मृत्यु हो गयी हमें इस बात का पता उसी शाम को चला और हमारी कंपनी ने बुधवार को ही मुआवजे की सारी रकम उनके घर पहुंचा दी। दूसरा आदमी बोला अरे यार जब हमारी कंपनी द्वारा बीमाकृत व्यक्ति मरा था तो जैसे ही हमारी कंपनी को पता चला तो हमारी कंपनी ने उसी शाम को उनके घर जाकर मुआवजे की सारी रकम दे दी। आखिरी सेल्समैन ने कहा अरे ये तो कुछ भी नही हमारा ऑफिस एक बिल्डिंग के 20वें माले पर है और उस बिल्डिंग में लगभग 70 मंजिलें है हमारी कंपनी का बीमाकृत व्यक्ति 70 वें माले पर खिड़की साफ़ कर रहा था उसका पैर फिसला और वह नीचे गिर गया। जब वह हमारे ऑफिस तक पहुंचा तो हमने उसके मुआवजे वाला चैक उसके हाथ में ही पकड़ा दिया।

एक आदमी अपने बूढ़े बाप के साथ रहता था उनका अपना बिजनेस था जिसे अब वह अकेला संभालता था! उसका बाप काफी बूढ़ा हो गया था उसे अब लगने लगा था कि उसके पिता ज्यादा दिन तक नही जी सकते इसलिए उसने अपने अकेलापन दूर करने के लिए शादी करने कि सोची! एक दिन वह एक बिजनेस मीटिंग में बैठा था वहां उसे एक बहुत ही खूबसूरत लड़की नजर आयी और उसने सोचा कि इससे शादी की बात की जाये! मीटिंग ख़त्म होने के बाद उसने उस लड़की से बात की... देखिये आप मुझे पहली ही मुलाकात में अच्छे लगे मैं मेरे पिता का अकेला बेटा हूँ मेरे पिताजी अब काफी बुजुर्ग है और कुछ ही दिनों के मेहमान है उनके मरने के बाद मैं उनकी लगभग 50 करोड़ की सम्पति का अकेला वारिस हूँ! लड़की ने कहा बहुत अच्छा है! क्या आप मुझे अपना बिजनेस कार्ड दे सकते है? उस आदमी ने कहा जी हाँ बिल्कुल! तीन दिन बाद वही लड़की उसकी सौतेली माँ बन गयी सम्पति के विषय में महिलाओं की योजना पुरुष से बेहतर होती है!

एक व्यक्ति बढ़िया सा कपड़ा खरीदा और सूट सिलवाने के लिेए एक दर्जी के पास गया। दर्जी ने कपड़ा लेकर नापा और कुछ सोचते हुए कहा कपड़ा कम है। इसका एक सूट नहीं बन सकता। वह दूसरे दर्जी के पास चला गया। उसने नाप लेने के बाद कहा आप दस दिन बाद सूट ले जाइए। वह निश्चित समय पर दर्जी के पास गया। सूट तैयार था। अभी सिलाई के पैसे दे रहा था कि दुकान में दर्जी का पांच साल का लड़का प्रविष्ट हुआ। उस व्यक्ति ने देखा कि लड़के ने बिल्कुल उसी कपड़े का सूट पहन रखा है। थोड़ी सी बहस के बाद दर्जी ने बात स्वीकार कर लिया। वह व्यक्ति पहले दर्जी के पास गया और फुंकारते हुए कहा तुम तो कहते थे कि कपड़ा कम है पर तुम्हारे साथ वाले दर्जी ने उसी कपड़े से न केवल मेरा बल्कि अपने लड़के का भी सूट बना लिया। दर्जी धीरज से उल्टा रहा फिर कुछ सोचते हुए बोला लड़के की उम्र क्या है? आदमी: पाँच वर्ष। दर्जी चहककर बोला मैं अब जान सका कारण क्या है? श्रीमान मेरे लड़के की उम्र 18 वर्ष है।

एक बार एक बादशाह को एक लड़की पसंद आ गयी! उस लड़की का बाप सुनार था बादशाह ने सुनार को दरबार में बुलाया! चार दिन गुजरने के बाद भी सुनार बादशाह के दरबार में नहीं आया तो बादशाह ने सुनार को गिरफ्तार करने के लिए सिपाही भेजे! जब वो सुनार के घर पहुंचे तो घर को ताला लगा हुआ था! बादशाह ने सिपाहियों को हुक्म दिया कि सुनार को ढूँढो! सिपाहियों ने सुनार को हर जगह ढूँढा लेकिन वो उनको कहीं नहीं मिला फिर उन्होंने एक तरकीब निकाली और ऐलान किया की जो भी सुनार को ढूँढने में मदद करेगा उसे एक किलो सोना दिया जाएगा फिर भी सुनार नहीं मिला! फिर ऐलान किया गया की जो भी सुनार को छुपने में मदद करेगा उसे सूली पर चढ़ा दिया जाएगा फिर भी सुनार नहीं मिला और सिपाहियों का सुनार को ढूँढने में सारा वक़्त ऐसे ही बर्बाद हुआ जैसे आप का इस मेसेज को पढने में हुआ.... जिस का कोई मतलब नहीं! हँसना मत गुस्सा भी मत करना मेरे साथ भी ऐसे ही हुआ था! किसी और को भेज के बदला ले लो!

एक बार जंगल में कुछ लोग हवन कर रहे थे। देवताओं को खुश करने के लिए ज़ोर-ज़ोर से मंत्र पढ़े जा रहे थे लेकिन अचानक ही वहाँ एक राक्षस प्रकट हो गया। लपलपाती आग उगलती जिव्हा और खून से सने उसके लंबे नुकीले दाँत उसे बहुत ही भयानक बना रहे थे। चारों तरफ भगदड़ मच गई। जिसे जैसी जगह दिखी भाग निकला। कुछ ही पलों में सब खाली हो गया। इस सब में एक व्यक्ति वहीँ बैठा हुआ था। राक्षस गरजते हुए उसके पास पहुंचा और पूछा तुम जानते नहीं मैं कौन हूँ? उस व्यक्ति ने कहा हाँ मैं जानता हूँ। तुम कुम्भीपाक नर्क के राक्षस हो। राक्षस ने गरजते हुए आग उगली और फिर पूछा तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता? उस व्यक्ति ने जवाब दिया नहीं बिलकुल भी नहीं। यह सुनकर गुस्से में पागल राक्षस बोला अब कोई भी तुम्हारी रक्षा नहीं कर पायेगा मूर्ख! ये बता तुझे मेरा भय क्यों नहीं है? उस व्यक्ति ने उसी शान्ति से जवाब दिया क्योंकि मैं पिछले पच्चीस वर्षों से शादीशुदा हूँ और मेरी बीवी तुमसे भी भयानक है!

ओम जय गूगल हरे !! स्वामी ओम जय गूगल हरे !! प्रोग्रामर्स के संकट डेवलपर्स के संकट क्षण में दूर करे !! ओम जय गूगल हरे !! जो ध्यावे वो पावे दुख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन का !! होमपेज की सम्पति लावे होमपेज पूर्ण करावे ! कष्ट मिटे वर्क का! स्वामी ओम जय गूगल हरे !! तुम पूर्ण सर्च इंजिन तुम इंटरनेट यामी ! स्वामी तुम इंटरनेट यामी !! पार करो हमारे पगार पार करो हमारे साक्षात्कार ! तुम दुनिया के स्वामी !! स्वामी ओम जय गूगल हरे ! तुम जानकारी के सागर तुम पालन कर्ता स्वामी तुम पालन कर्ता!! मैं मुर्ख खलकामी मैं सर्चर तुम सर्वर स्वामी तुम कर्ता-धर्ता !! स्वामी ओम जय गूगल हरे !! दीन बन्धु दुख हर्ता तुम रक्षक मेरे स्वामी तुम ठाकुर मेरे !! अपनी सर्च दिखाओ सारे रिसर्च कराओ; साइट पर खड़ा मैं तेरे !! स्वामी ओम जय गूगल हरे !! गूगल देवता की आरती जो कोई प्रोग्रामर गावे स्वामी जो कोई भी प्रोग्रामर गावे; कहत सुन स्वामी लैरी पेज स्वामी मनवांछित फल पावे !! स्वामी ओम जय गूगल हरे !! बोलो गूगल देवता की जय !

बॉस (सेक्रेटरी से): तुम और मैं एक हफ्ते के लिए लंदन जा रहे हैं। ज़रूरी मीटिंग है। सेक्रेटरी (पति से): ऑफिस के काम से मुझे बॉस के साथ एक हफ्ते के लिए लंदन जाना है। जरूरी मीटिंग है। पति (अपनी गर्लफ्रेंड से जो एक टीचर है): मेरी बीवी एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही है। उसके जाते ही तुम घर आ जाना। गर्लफ्रेंड (स्टूडेंट्स से): बच्चो मैं एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही हूं इसलिए तुम्हारी एक हफ्ते की छुट्टी। एक स्टूडेंट (अपने पिता से जो कि बॉस है): डैड मेरी एक हफ्ते की छुट्टी है। मैं घर आ रहा हूं आप कहीं मत जाना। बॉस (सेक्रेटरी से): मेरा बेटा आ रहा है। लंदन जाना कैंसल। सेक्रेटरी (पति से): लंदन जाना कैंसल हो गया। पति (गर्लफ्रेंड से जो कि टीचर है): पत्नी नहीं जा रही। हमारा प्रोग्राम कैंसल। टीचर (स्टूडेंट्स से): बच्चो आपकी छुट्टियां कैंसल। स्टूडेंट (पिता से जो कि बॉस है): पापा मैं नहीं आ सकता। छुट्टियां कैंसल हो गईं। . . . . बॉस (सेक्रेटरी से): मेरा बेटा नहीं आ रहा हम एक हफ्ते के लिए लंदन जा रहे हैं!

बॉस (सेक्रेटरी से): तुम और मैं एक हफ्ते के लिए लंदन जा रहे हैं। ज़रूरी मीटिंग है। सेक्रेटरी (पति से): ऑफिस के काम से मुझे बॉस के साथ एक हफ्ते के लिए लंदन जाना है। जरूरी मीटिंग है। पति (अपनी गर्लफ्रेंड से जो एक टीचर है): मेरी बीवी एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही है। उसके जाते ही तुम घर आ जाना। गर्लफ्रेंड (स्टूडेंट्स से): बच्चो मैं एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही हूं इसलिए तुम्हारी एक हफ्ते की छुट्टी। एक स्टूडेंट (अपने पिता से जो कि बॉस है): डैड मेरी एक हफ्ते की छुट्टी है। मैं घर आ रहा हूं आप कहीं मत जाना। बॉस (सेक्रेटरी से): मेरा बेटा आ रहा है। लंदन जाना कैंसल। सेक्रेटरी (पति से): लंदन जाना कैंसल हो गया। पति (गर्लफ्रेंड से जो कि टीचर है): पत्नी नहीं जा रही। हमारा प्रोग्राम कैंसल। टीचर (स्टूडेंट्स से): बच्चो आपकी छुट्टियां कैंसल। स्टूडेंट (पिता से जो कि बॉस है): पापा मैं नहीं आ सकता। छुट्टियां कैंसल हो गईं। . . . . बॉस (सेक्रेटरी से): मेरा बेटा नहीं आ रहा हम एक हफ्ते के लिए लंदन जा रहे हैं!

एक बार एक बादशाह को एक लड़की पसंद आ गयी। उस लड़की का बाप सुनार था बादशाह ने सुनार को दरबार में आने के लिए बुलावा भेजा। चार दिन गुजरने के बाद भी सुनार बादशाह के दरबार में नहीं आया तो बादशाह ने सुनार को गिरफ्तार करने के लिए अपने सिपाही भेज दिए। जब सिपाही सुनार के घर पहुंचे तो घर को ताला लगा हुआ था। बादशाह ने सिपाहियों को हुक्म दिया कि सुनार को ढूँढो। सिपाहियों ने सुनार को हर जगह ढूँढा लेकिन वो उनको कहीं नहीं मिला फिर उन्होंने एक तरकीब निकाली और ऐलान किया कि जो भी सुनार को ढूँढने में मदद करेगा उसे एक किलो सोना दिया जाएगा फिर भी सुनार नहीं मिला। फिर ऐलान किया गया कि जो भी सुनार को छुपने में मदद करेगा उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा फिर भी सुनार नहीं मिला और सिपाहियों का सुनार को ढूँढने में सारा वक़्त ऐसे ही बर्बाद हुआ जैसे आप का इस को पढने में हुआ.... जिस का कोई मतलब नहीं है। हँसना मत गुस्सा भी मत करना मेरे साथ भी ऐसे ही हुआ था। आप भी किसी और के साथ ऐसा करके बदला ले सकते हैं।

एक बार एक बादशाह को एक लड़की पसंद आ गयी। उस लड़की का बाप सुनार था बादशाह ने सुनार को दरबार में आने के लिए बुलावा भेजा। चार दिन गुजरने के बाद भी सुनार बादशाह के दरबार में नहीं आया तो बादशाह ने सुनार को गिरफ्तार करने के लिए अपने सिपाही भेज दिए। जब सिपाही सुनार के घर पहुंचे तो घर को ताला लगा हुआ था। बादशाह ने सिपाहियों को हुक्म दिया कि सुनार को ढूँढो। सिपाहियों ने सुनार को हर जगह ढूँढा लेकिन वो उनको कहीं नहीं मिला फिर उन्होंने एक तरकीब निकाली और ऐलान किया कि जो भी सुनार को ढूँढने में मदद करेगा उसे एक किलो सोना दिया जाएगा फिर भी सुनार नहीं मिला। फिर ऐलान किया गया कि जो भी सुनार को छुपने में मदद करेगा उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा फिर भी सुनार नहीं मिला और सिपाहियों का सुनार को ढूँढने में सारा वक़्त ऐसे ही बर्बाद हुआ जैसे आप का इस को पढने में हुआ.... जिस का कोई मतलब नहीं है। हँसना मत गुस्सा भी मत करना मेरे साथ भी ऐसे ही हुआ था। आप भी किसी और के साथ ऐसा करके बदला ले सकते हैं।

एक बार एक पजामा पहने हुए हिन्दुस्तानी से एक अंग्रेज ने पूछा आप का यह देशी पैंट (पजामा) कितने दिन चल जाता है? हिन्दुस्तानी ने जवाब दिया कुछ ख़ास नहीं मै इसे एक साल पहनता हूँ। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट कर राजू के साइज़ का बना देती है। फिर राजू इसे एक साल पहनता है। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट छांट कर तकियों के कवर बना लेती है। फिर एक साल बाद उन कवर का झाडू पोछे में इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेज बोला फिर फेंक देते होंगे? हिन्दुस्तानी ने फिर कहा नहीं-नहीं इसके बाद 6 महीने तक मै इस से अपने जूते साफ़ करता हूँ और अगले 6 महीने तक बाइक का साइलेंसर चमकाता हूँ। बाद में मारदडी की हाथ से बनायीं जाने वाली गेंद में काम लेते हैं और अंत में कोयले की सिगडी (चूल्हा) सुलगाने के काम में लेते हैं और सिगड़ी (चुल्हे) की राख बर्तन मांजने के काम में लेते हैं। इतना सुनते ही अंग्रेज रफू चक्कर हो गया। किसी भी चीज का सम्पूर्ण इस्तेमाल कोई हम हिन्दुस्तानियों से सीखे। हमें हिंदुस्तानी होने पर गर्व है।