1. जब भी दरवाज़े पर घंटी बजती है तो घर का कोई मर्द या कोई बच्चा दरवाज़ा खोलने जाता है और औरत दुपट्टा लेने। 2. किसी भी रिश्तेदार को एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर पूरे परिवार का जाना एक परंपरा बन गयी है। 3. हम बाहर जितना मर्ज़ी खा लें कभी बीमार नहीं हो सकते। 4. हर हिंदुस्तानी महिला के दो प्रमुख काम हैं - घर को संभालना और दूसरों की शादियाँ पक्की करवाना। 5. हर हिंदुस्तानी लड़की के तीन तरह के भाई होते हैं - असल भाई चचेरा भाई और राखी भाई। 6. विदाई के समय दुल्हन का रोना बहुत अनिवार्य है। क्योंकि इसके बिना शादी की फिल्म अच्छी नहीं लगेगी। 7. हम सब पर दिवाली के दिनों में सफाई का भूत सवार हो जाता है ताकि जो लोग हमारे घर आयेंगे हम उन्हें दिखा सकें कि हम कितने सफाई पसंद हैं। 8. हम कितने भी बड़े हो जाएँ फिर भी हमारे माता-पिता को हमारी हर खबर होनी चाहिए कहाँ गए थे कहाँ से आ रहे हो क्या कर रहे हो... वगैरह-वगैरह। 9. जब भी हिंदुस्तानी माता-पिता कोई टिकट खरीदते हैं तो उनका बच्चा 12 साल से कम हो जाता है। उनके लिए बच्चे की आधी टिकट लेना बहुत बड़ी जीत है। 10. अगर हम अपने माता-पिता से दूर किसी दूसरे शहर में रहते हैं तो हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम हर रोज़ अपनी माँ को फ़ोन करें नहीं तो वो हमारे दोस्तों को फ़ोन करके हमारा हाल-चाल पूछेगी। 11. दुनिया में कोई भी हमें मोल-भाव करने में नहीं पछाड़ सकता। चलो भाई न तुम्हारा न हमारा इतने पैसे ठीक हैं। 12. हम चाहे कितने भी बड़े कान्वेंट स्कूल में पढ़ लें ज़रुरत पड़ने पर गालियां हम अपनी मात्र भाषा में ही देते हैं। 13. जब कोई मेहमान घर से जाने लगता है तो दरवाज़े में खड़े होकर ही अचानक हमें सारी बातें याद आ जाती हैं जो हम घर के अंदर करना भूल जाते हैं। 14. जब हम रिमोट को इधर-उधर ठोक कर चला सकते हैं तो बैटरी क्यों बदली जाये।

1. जब भी दरवाज़े पर घंटी बजती है तो घर का कोई मर्द या कोई बच्चा दरवाज़ा खोलने जाता है और औरत दुपट्टा लेने। 2. किसी भी रिश्तेदार को एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर पूरे परिवार का जाना एक परंपरा बन गयी है। 3. हम बाहर जितना मर्ज़ी खा लें कभी बीमार नहीं हो सकते। 4. हर हिंदुस्तानी महिला के दो प्रमुख काम हैं - घर को संभालना और दूसरों की शादियाँ पक्की करवाना। 5. हर हिंदुस्तानी लड़की के तीन तरह के भाई होते हैं - असल भाई चचेरा भाई और राखी भाई। 6. विदाई के समय दुल्हन का रोना बहुत अनिवार्य है। क्योंकि इसके बिना शादी की फिल्म अच्छी नहीं लगेगी। 7. हम सब पर दिवाली के दिनों में सफाई का भूत सवार हो जाता है ताकि जो लोग हमारे घर आयेंगे हम उन्हें दिखा सकें कि हम कितने सफाई पसंद हैं। 8. हम कितने भी बड़े हो जाएँ फिर भी हमारे माता-पिता को हमारी हर खबर होनी चाहिए कहाँ गए थे कहाँ से आ रहे हो क्या कर रहे हो... वगैरह-वगैरह। 9. जब भी हिंदुस्तानी माता-पिता कोई टिकट खरीदते हैं तो उनका बच्चा 12 साल से कम हो जाता है। उनके लिए बच्चे की आधी टिकट लेना बहुत बड़ी जीत है। 10. अगर हम अपने माता-पिता से दूर किसी दूसरे शहर में रहते हैं तो हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम हर रोज़ अपनी माँ को फ़ोन करें नहीं तो वो हमारे दोस्तों को फ़ोन करके हमारा हाल-चाल पूछेगी। 11. दुनिया में कोई भी हमें मोल-भाव करने में नहीं पछाड़ सकता। चलो भाई न तुम्हारा न हमारा इतने पैसे ठीक हैं। 12. हम चाहे कितने भी बड़े कान्वेंट स्कूल में पढ़ लें ज़रुरत पड़ने पर गालियां हम अपनी मात्र भाषा में ही देते हैं। 13. जब कोई मेहमान घर से जाने लगता है तो दरवाज़े में खड़े होकर ही अचानक हमें सारी बातें याद आ जाती हैं जो हम घर के अंदर करना भूल जाते हैं। 14. जब हम रिमोट को इधर-उधर ठोक कर चला सकते हैं तो बैटरी क्यों बदली जाये।

पद : जूनियर गर्लफ्रेंड/सहायक प्रेमिका अनुभव : कम से कम दो लडको की गर्ल फ्रेंड रह चुकी हो तथा गर्ल फ्रेंड के सभी दायित्वों में पारंगत हो। आयु : 18-25 वर्ष (अगर कोई लड़की/महिला दिखने में अच्छी है और ज्यादा उम्र होने के बावजूद� इसी उम्र की लगती हो तो वह अप्लाई कर सकती है)। लाभ तथा मानदेय :- सकल मासिक। • एक उपहार प्रति महिना (अधिकतम मूल्य रुपये� 1000) (कोई मूल्यवान धातु जैसे सोना चांदी या बहुमूल्य रत्न जैसे हीरा इत्यादि की अपेक्षा न रखे)। • लक्ज़री बाइक में मुफ्त सवारी (अधिकतम 1� घंटा प्रतिदिन) • कुल्फी / आइसक्रीम/ चोकलेट प्रतिदिन • प्रतिदिन 50-100 रुपये� के समकक्ष मुफ्त नाश्ता जैसे समोसा / ब्रेड पकोड़ा इत्यादि • हर रविवार मुफ्त मूवी (ऊपर कोने वाली सीट पर) • महीने में एक बार मुफ्त ब्रांडेड जीन्स /टी-शर्ट अथवा स्कर्ट / टॉप अथवा डिज़ाइनर परिधान पसंदानुसार (लेकिन पिछले महीने का आचरण संतोष जनक होने पर ही यह सुविधा उपलब्ध है।) • मिस्ड कॉल करने के लिए फ़ोन चालू रखने हेतु 100 रूपये� का रिचार्ज प्रति महीना प्रतिवर्ष एक नवीनतम स्मार्ट फ़ोन जैसे IPHONE या Galaxy S4 दिया जायेगा तथा ऊपर लिखी सभी सुविधायें अनलिमिटेड रूप से प्राप्त होंगी। स्थायी होने के बाद वर्ष में दो बार हीरा या सोना के जवाहरात दिए जायेंगे। जो लडकियाँ इस ऑफर के लिए अपने आपको उपयुक्त नहीं मानती हैं उन्हें मन छोटा करने की कोई जरूरत नहीं है वो Suggest a friend सुविधा का लाभ उठा कर अपनी सहेलियों का सुझाव दे� सकती हैं। प्रत्येक सफल रिफरेन्स पर उन्हें फाइव स्टार होटल में लंच अथवा कैंडल लाइट डिनर उपहार / कृतज्ञता स्वरुप कराया जायेगा! कृपया इस विज्ञापन के तहत अपने बायो-डाटा के साथ आज ही आवेदन करें। (बिना फोटो कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा) नोट-हमारी कोई शाखा नहीं है।

एक आदमी की मौत हो गयी और उसे अपने कर्मों की कारण नर्क की प्राप्ति हुई। उसने वहाँ जाकर देखा कि हर देश के लिए अलग-अलग नर्क है। वह सबसे पहले अमरीकन नर्क में गया और पूछा कि यहाँ आत्माओं को किस तरह पीड़ा दी जाती है। उसे बताया गया कि पहले तो वो आपको बिजली की कुर्सी के साथ बांध देते हैं फिर उसमे करंट छोड़ दिया जाता है फिर कीलों के बिस्तर पर नंगा लिटा दिया जाता है और फिर अमरीकन जल्लाद आता है और दिन भर कोड़े मारता है। आदमी यह सुनकर बहुत भयभीत हो गया और आगे बढ़ गया। आगे जाकर उसने अलग-अलग देशों के सभी नर्क देखे लेकिन सभी जगह लगभग एक ही तरह की सजा दी जाती थी। घूमते-घूमते वो आदमी आखिर कर भारतीय नर्क पहुंचा। वहाँ उसने देखा कि आत्माओं की लम्बी कतारें लगी हुई थी। हैरान होकर उसने वहाँ भी सजा के बारे में पूछा कि यहाँ किस प्रकार की सजा दी जाती है जो इतनी लम्बी कतार बना कर सब यही खड़े हुए हैं? उसे बताया गया कि यहाँ सबसे पहले आपको बिजली की कुर्सी के साथ बांध देते हैं फिर उसमे करंट छोड़ दिया जाता है फिर आपको कीलों के बिस्तर पर नंगा लिटा दिया जाता है और फिर भारतीय जल्लाद आता है और दिन भर आपको कोड़े मारता है। आदमी परेशान होकर बोला कि ऐसी ही सजा तो बाकी सारे देशों के नर्क में भी मिलती है पर वहाँ तो इतनी भीड़ नहीं है पर यहाँ इतनी भीड़ क्यों है? तो किसी ने उसकी परेशानी दूर की और उसे इसका कारण बताया कि क्योंकि यहाँ भीड़ के कारण बदहाली है मैन्टेन्स भी ठीक नहीं है बिजली भी आती नहीं जिस कारण करंट वाली कुर्सी काम में नहीं आती कीलों वाले बिस्तर से लोग कीलें चुरा कर ले गए हैं और कोड़े लगाने वाले जल्लाद भी कम हैं और वो भी आकर अपनी हाज़िरी लगा कर कैंटीन में चले जाते हैं जिस कारण यहाँ लोग बस चक्कर ही काटते रहते हैं और घर जैसा महसूस करते हैं!

चूँकि मैं एक पुरुष हूँ जब मैं अपनी कार की चाबी कार के अंदर भूल जाता हूँ तो मैं बजाये इसके कि सर्विस सेंटर वालों को बुलाऊँ मैं खुद ही कपडे सुखाने वाले हेंगर के तार से कार का दरवाज़ा खोलने की तब तक कोशिश करता रहूँगा जब तक कि दरवाज़े का ताला पूरी तरह से खराब नहीं हो जाता या मैं पूरी तरह से पस्त नहीं हो जाता। चूँकि मैं एक पुरुष हूँ अगर मेरी कार ठीक से स्टार्ट नहीं होती तो मैं उसका बोनट खोल कर उसके इंजन में तांक-झांक करता हूँ। इस बीच कहीं से कोई दूसरा पुरुष प्रकट होता है और वो भी इंजन में इधर-उधर हाथ लगा कर देखता है फिर हममें से कोई एक बोलता है कि मैं इन चीज़ों को बड़े आराम से ठीक कर लेता था पर आज कल सारी चीज़ें कम्प्युटराइज़ आ रहीं हैं तो पता ही नहीं चलता कि कहाँ से शुरू करूँ और फिर आखिरकार हम मैकेनिक का इंतज़ार करते हैं। चूँकि मैं एक पुरुष हूँ अत: घर में अगर कोई उपकरण खराब हो जाता है तो मैं उसे तुरंत खोल कर ठीक करने बैठ जाता हूँ। जबकि मेरे पुराने अनुभवों में मेरे द्वारा खोले गए उपकरण कभी ठीक नहीं हुए बल्कि हमेशा मैकेनिक ने उसे ठीक करने के लिए दोगुणा पैसे वसूलें हैं क्योंकि छोटी सी खराबी को मैं बहुत बड़ा देता हूँ। चूँकि मैं एक पुरुष हूँ अत: टीवी देखते हुए रिमोट कंट्रोल हमेशा मेरे हाथ में ही होना चाहिए। हाँ यह अलग बात है कि मुझे चैनल बदलने के लिए इज़ाज़त लेनी पड़ती है। चूँकि मैं एक पुरुष हूँ इसलिए मुझे किसी से रास्ता पूछने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं समझता हूँ कि मैं कभी रास्ता भूल ही नहीं सकता। चाहे इस चक्कर में मैं कितना भी खो जाऊं। चूँकि मैं एक पुरुष हूँ और यह इक्कीसवीं सदी है अत: घेरलू कार्य में मैं तुम्हारा बराबर का हाथ बटाऊंगा। तुम कपडे धोना खाना बनाना घर की सफाई करना और घर के लिए शॉपिंग करना बाकी का सारा काम मैं अख़बार पढ़ते या टीवी देखते निपटाऊंगा!

एक बार एक व्यक्ति मरकर नर्क में पहुँचा तो वहाँ उसने देखा कि प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी देश के नर्क में जाने की छूट है । उसने सोचा चलो अमेरिका वासियों के नर्क में जाकर देखें। जब वह वहाँ पहुँचा तो द्वार पर पहरेदार से उसने पूछा क्यों भाई अमेरिकी नर्क में क्या-क्या होता है? पहरेदार बोला कुछ खास नहीं सबसे पहले आपको एक इलेक्ट्रिक कुर्सी पर एक घंटा बिठाकर करंट दिया जायेगा फ़िर एक कीलों के बिस्तर पर आपको एक घंटे तक लिटाया जायेगा उसके बाद एक दैत्य आकर आपकी जख्मी पीठ पर पचास कोडे मारेगा। यह सुनकर वह व्यक्ति बहुत घबराया और उसने रूस के नर्क की ओर रुख किया और वहाँ के पहरेदार से भी वही पूछा। रूस के पहरेदार ने भी लगभग वही वाकया सुनाया जो वह अमेरिका के नर्क में सुनकर आया था। फ़िर वह व्यक्ति एक-एक करके सभी देशों के नर्कों के दरवाजे पर जाकर आया सभी जगह उसे भयानक किस्से सुनने को मिले। अन्त में जब वह एक जगह पहुँचा देखा तो दरवाजे पर लिखा था भारतीय नर्क और उस दरवाजे के बाहर उस नर्क में जाने के लिये लम्बी लाईन लगी हुई थी लोग भारतीय नर्क में जाने को उतावले हो रहे थे। उसने सोचा कि जरूर यहाँ सजा कम मिलती होगी। तत्काल उसने पहरेदार से पूछा कि सजा क्या है? पहरेदार ने कहा कुछ खास नहीं...सबसे पहले आपको एक इलेक्ट्रिक कुर्सी पर एक घंटा बिठाकर करंट दिया जायेगा फ़िर एक कीलों के बिस्तर पर आपको एक घंटे तक लिटाया जायेगा उसके बाद एक दैत्य आकर आपकी जख्मी पीठ पर पचास कोडे मारेगा। चकराये हुए व्यक्ति ने उससे पूछा यही सब तो बाकी देशों के नर्क में भी हो रहा है फ़िर यहाँ इतनी भीड क्यों है? पहरेदार: इलेक्ट्रिक कुर्सी तो वही है लेकिन बिजली नहीं है कीलों वाले बिस्तर में से कीलें कोई निकाल ले गया है और कोडे़ मारने वाला दैत्य सरकारी कर्मचारी है आता है दस्तखत करता है और चाय-नाश्ता करने चला जाता है और कभी गलती से जल्दी वापस आ भी गया तो एक-दो कोडे़ मारता है और पचास लिख देता है।

शहर के सबसे बडे बैंक में एक बार एक बुढिया आई। उसने मैनेजर से कहा मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं। मैनेजर ने पूछा कितने हैं? वृद्धा बोली होंगे कोई दस लाख। मैनेजर बोला वाह क्या बात है आपके पास तो काफ़ी पैसा है आप करती क्या हैं? वृद्धा बोली कुछ खास नहीं बस शर्तें लगाती हूँ । मैनेजर: शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है? कमाल है। वृद्धा: कमाल कुछ नहीं है बेटा मैं अभी एक लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूँ कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है। मैनेजर हँसते हुए बोला नहीं माताजी मैं तो अभी जवान हूँ और विग नहीं लगाता। वृद्धा: तो शर्त क्यों नहीं लगाते? मैनेजर ने सोचा यह पागल बुढिया फ़िज़ूल में ही एक लाख रुपये गँवाने पर तुली है तो क्यों न मैं इसका फ़ायदा उठाऊँ। मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता। मैनेजर एक लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया। वृद्धा: चूँकि मामला एक लाख रुपये का है इसलिये मैं कल सुबह ठीक दस बजे अपने वकील के साथ आऊँगी और उसी के सामने शर्त का फ़ैसला होगा। मैनेजर ने कहा ठीक है बात पक्की। मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई। वह एक लाख रुपये और बुढिया के बारे में सोचता रहा। अगली सुबह ठीक दस बजे वह बुढिया अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुँची और पूछा क्या आप तैयार हैं? मैनेजर: बिलकुल क्यों नहीं? वृद्धा: लेकिन चूँकि वकील साहब भी यहाँ मौजूद हैं और बात एक लाख की है इसलिए मैं तसल्ली करना चाहती हूँ कि सचमुच आप विग नहीं लगाते इसलिए मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूँगी। मैनेजर ने पल भर सोचा और हाँ कर दी आखिर मामला एक लाख का था। वृद्धा मैनेजर के नजदीक आई और धीर-धीरे आराम से मैनेजर के बाल नोँचने लगी। उसी वक्त अचानक पता नहीं क्या हुआ वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे। मैनेजर: अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ? वृद्धा: कुछ नहीं इन्हें सदमा लगा है मैंने इनसे पाँच लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह दस बजे मैं शहर से सबसे बडे बैंक के मैनेजर के बाल नोँचकर दिखा दूँगी।

गर्लफ्रेंड: आई लव यू बेबी। पप्पू धीरे से बोला मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ। गर्लफ्रेंड: ऐसा क्यों? पप्पू: बस थोड़ा सा मूड़ ख़राब था। गर्लफ्रेंड: दोस्तों के साथ तो बड़े खुश रहते हो मेरे साथ ही ड्रामे। पप्पू (प्यार से): ऐसा कुछ नहीं जानू तबियत थोड़ी ठीक है। गर्लफ्रेंड: हाँ दोस्त अभी फोन कर देगा तो 2 सेकंड में तबियत ठीक हो जायेगी। पप्पू: दोस्त कहाँ से आये मेरा मूड़ थोड़ा परेशान है बस। गर्लफ्रेंड: मेरे साथ ही ये सब होता है दोस्तों के साथ मज़े करते हो या कोई और लड़की पसंद आ गई? पप्पू और ज्यादा प्यार से अरे कहाँ से कहाँ बात ले जा रही हो? गर्लफ्रेंड: आज सब साफ़-साफ़ होगा। पप्पू: क्या साफ़ करना है जानू ऐसा क्या हो गया है? गर्लफ्रेंड (खुद कंफ्यूज): जब तुम खुद साफ़ नहीं तुम्हें कुछ पता नहीं तो मैं क्या बोलूं। पप्पू समझदार बनने की नक़ल करते हुए तुम्हे क्या हुआ है किस बात पर परेशान हो बताओ? गर्लफ्रेंड: तुम्हारी संगत खराब है। पप्पू: मेरे साथ तो तुम हो। गर्लफ्रेंड: अब बहुत हो गया अब और नहीं। पप्पू (चिल्लाते हुए): हुआ क्या है ये तो बताओ? गर्लफ्रेंड: हम अब साथ नहीं रह सकते। पप्पू: ये बात कहाँ से आई? गर्लफ्रेंड: मैं इसे तोड़ना चाहती हूँ। पप्पू (चिढ़कर): हमसे ठीक है। गर्लफ्रेंड (गुस्सा होते हुए): हाँ यही चाहते हो तुम तो फिर तुम जो मर्ज़ी कर सको। पप्पू: अरे खुद ही बोला अभी मैंने क्या गलत कहा? गर्लफ्रेंड: इतनी तकलीफ़ थी तो बोला क्यों नहीं मैं खुद बिना बोले चली जाती तुम्हारी जिन्दगी से। पप्पू अपने बाल पकड़कर मुझे मेरी गलती तो बता दो? गर्लफ्रेंड: वक़्त आने पर पता चलेगी तुम्हें अपने आप जब मैं चली जाऊँगी (कभी नहीं जायेगी)। पप्पू: अच्छा तो मैं इंतज़ार करता हूँ सही वक़्त का। गर्लफ्रेंड: तुम सिरियस कब हो गए? पप्पू: अब क्या हॉस्पिटल में भर्ती हो जाऊं सिरियस होने के लिए। गर्लफ्रेंड: भाड़ में जाओ। पप्पू: दोबारा मुझे फोन मत करना। 3 घंटे बाद गर्लफ्रेंड: तुम्हें पता है न मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती जानू सॉरी आई लव यू

एक दिन सुबह-सुबह बैंक में एक आदमी आया और बैंक मैनेजर से बोला जन धन में खाता खुलवाना है। बैंक मैनेजर: खुलवा लो। आदमी: क्या ये जीरो बैलेंस में खुलता है? बैंक मैनेजर (मन ही मन में साला पता है फिर भी पूछ रहा है): हाँ जी फ्री में खुलवा लो। आदमी: इसमें सरकार कितना पैसा डालेगी? बैंक मैनेजर: जी अभी तो कुछ पता नहीं। आदमी: तो मैं ये खाता क्यों खुलवाऊँ? बैंक मैनेजर: जी मत खुलवाओ। आदमी: फिर भी सरकार कुछ तो देगी? बैंक मैनेजर: आपको फ्री में एटीएम दे देंगे। आदमी: जब उसमे पैसा ही नहीं होगा तो एटीएम का क्या करूँगा? बैंक मैनेजर: पैसे डलवाओ भैया तुम्हारा खाता है। आदमी: मेरे पास पैसा होता तो मैं पहले नहीं खुलवा लेता तुम खाता खोल रहे हो तो तुम डालो न पैसे। बैंक मैनेजर: अरे भाई सरकार खुलवा रही है। आदमी: तो ये सरकारी बैंक नहीं है? बैंक मैनेजर: अरे भाई सरकार तुम्हारा बीमा फ्री में कर रही है पूरे एक लाख का। आदमी (खुश होते हुए): अच्छा तो ये एक लाख मुझे कब मिलेंगे? बैंक मैनेजर (गुस्से में): जब तुम मर जाओगे तब तुम्हारी बीवी को मिलेंगे। आदमी (अचम्भे से): तो तुम लोग मुझे मारना चाहते हो और मेरी बीवी से तुम्हारा क्या मतलब है? बैंक मैनेजर: अरे भाई ये हम नहीं सरकार चाहती है। आदमी (बीच में बात काटते हुए): तुम्हारा मतलब सरकार मुझे मारना चाहती है? बैंक मैनेजर: अरे यार मुझे नहीं पता तुमको खाता खुलवाना है या नहीं? आदमी: नहीं पता का क्या मतलब? मुझे पूरी बात बताओ। बैंक मैनेजर: अरे अभी तो मुझे भी पूरी बात नहीं पता मोदी जी ने कहा कि खाता खोलो तो हम खोल रहे हैं। आदमी: अरे नहीं पता तो यहाँ क्यों बैठे हो? बैंक मैनेजर ने अपना सिर पकड़ लिया और आदमी जन धन के पोस्टर को देखते हुए बोला अच्छा ये 5000 रुपये का ओवरड्राफ्ट क्या है? बैंक मैनेजर: मतलब तुम अपने खाते से 5000 निकाल सकते हो। आदमी (बीच में बात काटते हुए): ये हुई ना बात ये लो आधार कार्ड 2 फोटो और निकालो 5000 रुपये। बैंक मैनेजर: अरे यार ये तो 6 महीने बाद मिलेंगे। आदमी: मतलब मेरे 5000 का इस्तेमाल 6 महीने तक तुम लोग करोगे? बैंक मैनेजर: भैया ये रुपये ही 6 महीन&

एक छोटे से शहर मे एक बहुत ही मश्हूर बनवारी लाल सामोसे बेचने वाला था। वो ठेला लगाकर रोज दिन में 500 समोसे खट्टी मीठी चटनी के साथ बेचता था। रोज नया तेल इस्तमाल करता था और कभी अगर समोसे बच जाते तो उनको कुत्तो को खिला देता बासी समोसे या चटनी का प्रयोग बिलकुल नहीं करता था उसकी चटनी भी ग्राहकों को बहुत पसंद थी जिससे समोसों का स्वाद और बढ़ जाता था। कुल मिलाकर उसकी क्वालिटी और सर्विस बहुत ही बढ़िया थी। उसका लड़का अभी अभी शहर से अपनी MBA की पढाई पूरी करके आया था। एक दिन लड़का बोला पापा मैंने न्यूज़ में सुना है मंदी आने वाली है हमे अपने लिए कुछ Cost Cutting करके कुछ पैसे बचने चाहिए उस पैसे को हम मंदी के समय इस्तेमाल करेंगे। बनवारी लाल: बेटा में अनपढ़ आदमी हूँ मुझे ये Cost Cutting - Wost Cutting नहीं आता ना मुझसे ये सब होगा बेटा तुझे पढ़ाया लिखाया है अब ये सब तू ही सम्भाल। बेटा: ठीक है पिताजी आप रोज रोज ये जो फ्रेश तेल इस्तमाल करते हो इसको हम 80% फ्रेश और 20%पिछले दिन का जला हुआ तेल इस्तेमाल करेंगे। अगले दिन समोसों का टेस्ट हल्का सा चेंज था पर फिर भी उसके 500 समोसे बिक गए और शाम को बेटा बोलता है देखा पापा हमने आज 20%तेल के पैसे बचा लिए और बोला पापा इसे कहते है Cost Cutting बनवारी लाल: बेटा मुझ अनपढ़ से ये सब नहीं होता ये तो सब तेरे पढाई लिखाई का कमाल है। लड़का: पापा वो सब तो ठीक है पर अभी और पैसे बचाने चाहिए। कल से हम खट्टी चटनी नहीं देंगे और जले तैल की मात्र 30% प्रयोग में लेंगे। अगले दिन उसके 400 समोसे बिक गए और स्वाद बदल जाने के कारन 100 समोसे नहीं बिके जो उसने जानवरो और कुत्तो को खिला दिए। लड़का: देखा पापा मैंने बोला था ना मंदी आने वाली है आज सिर्फ 400 समोसे ही बिके है। बनवारी लाल: बेटा अब तुझे पढ़ाने लिखाने का कुछ फायदा मुझे होना ही चाहिए। अब आगे भी मंदी के दौर से तू ही बचा। लड़का: पापा कल से हम मीठी चटनी भी नहीं देंगे और जले तेल की मात्रा हम 40% इस्तेमाल करेंगे और समोसे भी कल से 400 हीे बनाएंगे। अगले दिन उसके 400 समोसे बिक गए पर सभी ग्राहकों को समोसे का स्वाद कुछ अजीब सा लगा और चटनी ना मिलने की वजह से स्वाद और बिगड़ा