तलाश में बीत गई सारी जिंदगानी ए दिल
अब समझा की खुद से बड़ा कोई हमसफ़र नहीं होता

अब किसी और से मुहब्बत करलू तो शिकायत मत करना
ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है
er kasz

ये जरुरी नही कि, तुम मेरी हर बात को समझो...
बस इतनी सी तमन्ना है कि तुम मुझे, अपना समझो ...Er kasz

गमो में हंसने वालो को रुलाया नहीं जाता लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता
बनने वाले बन जाते है अपने किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता

Ab jis ke jee main aaye wohi paye Roshni
Humne to dil Jala ker sar-e-aam rakh dia

Bana kr Taj Mehel kisi shehnshah e Dolat ny Mohsin
Hm Garebon ki mohabat ka mazak uraya hy

AaJ Tum Mere Haq Me Bhi Dua Kar Dena
Suna Hai Ye Din Bohat "Qabuliat" Ka Hota Hai

बैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर
मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख

सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना सिर्फ एक बार गले लग कर मिलता है.

चलो एक बार फिर से बुरे बनते हे
जिन्हे हम पंसद नही उन्हीं की गली से फिर गुजर ते हैं

इश्क करते है तुमसे इसलिए खामोश है अबतक
खुदा न करे मेरे लब खुले और तुम बर्बाद हो जाओ

ये नजर चुराने की आदत आज भी नहीं बदली उनकी
कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमसे
er kasz

मेरी पागल सी मोहब्बत तुम्हे बहुत याद आएगी
जब हँसाने वाले कम और रुलाने वाले ज्यादा होंगे
Er kasz

यूँ तो अकेला भी अक्सर गिर के सम्भल सकता हूँ मैं...
तुम जो पकड लो हाथ मेरा दुनियाँ बदल सकता हूँ मैं...

‪#‎वो‬ तो ‪अपनी‬ एक ‪#‎आदत‬ को ‪#‎भी‬ ना ‪#‎बदल‬ सका,
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.....
.........‪#‎जाने‬ क्यूँ मैंने ‪#‎उसके‬ लिए अपनी ‪#‎जिंदगी‬ बदल ‪#‎डाली‬ ! Er kasz