Kitaab-e-Mohabbat khol kr daikho, tu Aankh routi hy
Warq Warq tere Chehra ju Dikhaee dyta hy

Pachhtaye bahut uske darwaze pe dastak de ke hum
khud ko ajeeb laga jab usne dekh ke poocha kaun ho tum

Wo Kehte Hain Soch Lena Tha MohaBBat Karne Se Pehle..!!
Usy Kya Pata K
Soch Kar Sazish Hoti Hai MohaBBat Nahi

Jam jam peny se kya faida "GHALIB"
Subha ko peogi sham tak utar jaegi,
Ary 2 boond Mohabbat ki pi lo sari umir nashy me guzar jaegi

Dua Mile Bando Se Khushiyan Mile Jag Se
Sath Mile Apno Se Rehmat Mile Rab Se
Zindagi Me Ap Ko Be Panah Pyar Mile
Kush Rahe Ap Duniya Mein Ziyda Sub Se

हो अगर कोई गिला तो मुझसे कहो
यूँ चुप रह कर इम्तेहान न लो

हमारी मुहब्बत की इन्तिहाँ तो देखो
सर्दी हुई उन्हें छीकें हमें आ रही है

खौफ है तुझे अपनों का परायो का नहीं
आदत है सबको प्यार बांटना लड़ाई का नहीं

मन तो मेरा भी करता है नेतागीरी कर लूँ
लेकिन अपनों से ही गद्दारी कैसे होगी

नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था

बहुत नींद बाक़ी हैं अभी पलकों में
और कई सपने अपने होने का ज़रिया ढूंढ रहे हैं

मजिंल पाना तो , बहुत दूर की बात है ..
गुरूर में रहोगे तो , रास्तें भी न देख पाओगे.......Er kasz

अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का
जिसका जितना दर्द बुरा शायरी उतनी ही अच्छी

सच सिर्फ इतना है दिल चाहत से मजबूर है
वरना ना मै अजय देवगन हूँ ना तू करीना कपूर है

यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नही लगती
मगर लोग तेरे नाम से छेड़ें तो बुरा नही लगता