खामोशियाँ कर दे बयां तो अलग बात हैं
कुछ दर्द ऐसे भी हैं जो लफ्जों में उतारे नही जाते

टकरा जाता हूँ अक्सर मैं तेरे साये से
तुम दिखते जब नही हो तो महसूस क्यों होते हो मुझे

इक पल ही काफ़ी है गर उसमें तुम शामिल हो जाओ
इससे ज्यादा जिंदगी की मुझे जरूरत भी नहीं

टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था
कल रात मैने झांक के शायद अपने अंदर देखा था

मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ
जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे

सितारे ये ख़बर लाए कि अब वो भी परेशाँ हैं
सुना है उनको नींद आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ

बड़ी शिद्द्त से राजी हुए है वो साथ चलने को ...
खुदा करे के मुझे सारी जिंदगी मंजिल न मिले....

यादो में बसा रखा है तेरा प्यार इस कदर मेरी जान
कोई वक़्त भी पूछ ले तो तेरा नाम बताते है

🌹राख में भी नहीं जीने देते
चैन से लोग.......
दो दिन बाद आकर
वहाँ से भी आधा ले जाते है.।🌹

न जाने क्यूँ ये रात उदास कर देती है हर रोज
महसूस होता है जैसे भूल रहा है कोई धीरे धीरे

"पास मेरे अल्फ़ाज़ों की कोई कमी नही हैं !
पर क्या करूँ फितरत ही जरा खामोश सी हो गयी हैं !!"

कैसे गुज़रती है मेरी हर एक शाम तेरे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो कभी तनहा ना छोड़ते मुझे..

कभी सोचा भी ना था के वो भी मुझे तनहा कर जाएगा.
जो अक्सर परेशान देख के कहता था मैं हूँ ना

कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है
मिले अगर भाव अच्छा जज भी कुर्सी बेच देता है
Er kasz

कुछ नहीं मिला बस एक सबक दे गयी मोहब्बत...
खाक हो जाता है इंसान ख़ाक से बने इंसान के पीछे.