रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया
er kasz

इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं...!!
बस प्यार ही उस से हो जाता हे जिसे क़दर ना हो..!!

अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आंसू
अभी छेड़ी कहाँ है दास्ताने जिन्दगी मैंने

फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं,
कब्रे जितनी भी सजा लो, कोई ज़िंदा नहीं होता .

मगन था मै सब्ज़ी में नुक़्स निकालने मे
और कोई खुदा से सुखी रोटी का शुक्र मना रहा था
er kasz

हम रखते है त़ाल्लुक तो निभाते है जिन्दगी भर
हमसे बदले नहीं जाते रिश्ते लिबासो की तरह

मज़ा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी, इतनी
चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा

जब भी देखता हुं हसते खिलखिलाते चेह्ररे लोगों के
दुआ करता हुं इन्हे कभी मोहब्बत ना हो

राह देखते देखते जब थक जाती हैं आँखें मेरी
तुम्हें ढूँढने को तब मेरी आँख से आँसू निकले

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन अभी
तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को

बस यही सोचकर छोड दी हमने जिद्द मोहब्बत की
अश्क उनके बहे या मेरे रोयेंगी तो मोहब्बत ही

पागल नहीं थे हम जो तेरी हर बात मानते थे,
बस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नही लगता था..!!

तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया
वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नहीं

चंद रुपयों मैं बिकता हैं यहाँ इंसान का ज़मीर
कौन कहता हैं मेरे देश मैं महंगाई बहुत हैं

मेरे आंसू और तेरी यादों का कोई तो रिश्ता जरूर है
कमबख्त जब भी आते है दोनों साथ ही आते है