लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो,
मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ.
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो,
मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ.
मेरे ख्वाबों की दुनिया आबाद तुझसे है
तुझे कैसे मैं बताऊँ की मेरी हर धड़कन की आवाज तुझसे है
er kasz
आँसू निकल पड़े ख्वाब में उसको दूर जाते देखकर,
आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क़ सोते हुए भी रुलाता है !
जहां हो, जैसे हो, वहीं ....वैसे ही रहना तुम ,
.
तुम्हें पाना जरुरी नहीं....तुम्हार
ा होना ही काफी है...!! Er kasz
दोस्त तुम पत्थर भी मारोगे तो भर लेंगे झोली अपनी,
क्योंकि हम यारों के तोहफ़े ठुकराया नहीं करते !! Er kasz
तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा ….
वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नहीं……! Er kasz
जाने कब कब किस किस ने कैसे कैसे तरसाया मुझे
तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे
तुम क्या जानो हम अपने आप में कितने अकेले हैं .
पूछो उन रातों से जो रोज़ कहती हैं खुदा के लिए आज तो सो जाओ..!!
उम्र में,ओहदे में, कौन कितना
बड़ा है, फर्क नही पड़ता ।
लहजे में, कौन कितना
झुकता है, फर्क ये पड़ता है।। Er kasZ
एक अज़ीब सा रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरम्यां,
वो मुझे जीने नही देती… और मै उन्हे मरने नही देता.Er kasz
नीलाम कुछ इस कदर हुए, बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज,
बोली लगाने वाले भी वो ही थे, जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे!! Er kasz
बहुत रोये वो हमारे पास आ के जब एहसास हुआ उन्हें अपनी ग़लती का !
चुप तो करा देते हम, अगर चेहरे पे हमारे कफ़न ना होता
जो इंसान आपसे ज़्यादा प्यार,करेगा वो आपसे रोज़ लड़ेगा
लेकिन जब आपका एक आंसू गिरेगा तो उसे रोकने के लिए वो पूरी,दुनिया से लड़ेगा
उनको जाना था वो चले गए, हम को खोना था हम ने खो गये
फर्क सिर्फ इतना था उस ने ज़िंदगी का एक पल खोया,
हम ने एक पल में पूरी ज़िंदगी खो दी...
Zindgi Tu Etna mat ettraa
Tu Bhi badlegi mere waqt ki trah
Er kasz