कल रहू न रहूँ फ़र्क नहीं है इसका
आज हूँ या नहीं सवाल यही है खुद से

मुझे क्या डरायेगा मौत का मंजर,
हमने तो जन्म ही कातिलों की बस्ती मे लिया है।

गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का वरना
लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ
er kasz

बेमतलब की दुनिया का किस्सा ही खतम
अब जिस तरह कीदुनिया उस तरह के हम

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती

राज तो हमारा हर जगह पे है पसंद करने वालों के दिल में और
नापसंद करने वालों के दिमाग में
er kasz

खतरों से खेलने का अगर इतना ही शौक है
तो जब बीवी घर में पोंछा लगा रही हो तब घर में चार कदम चल के दिखाओ

सूनो हम तो गरीब ही थे लेकिन तुम्हे क्या कमी थी
जो हमारा दिल ले गयी

गुलाम हुँ अपने घर के संस्कारो का
वरना मैं भी लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर रखता हुँ

ヅ ♚‪#‎उस‬ दिन भी कहा था और आज फिर सुन ले
सिर्फ उमरही छोटी है लेकिन ‪#‎सलाम‬ तो सारी
!दुनिया ठोकती है. ♚ ヅ....
G.R..s

कदर करलो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते है
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है

बुलंदी की उड़ान पर हो तो जरा सब्र रखो
परिंदे बताते हैं आसमान में ठिकाने नहीं होते
er kasz

ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीनी चहिये
औरो के कहने पर तो सर्कस में शेर भी नाचता है

जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन
एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले

मत देख ‪पगली‬ मुजे यु हसते हसते
मेरे दोस्त बडे कमीने हैं कह देंगे भाभीजी नमस्ते
G.R..ss