वक़्त ख़राब है तो झूकता जा रहा हूँ
जब दिमाग ख़राब होगा ना तो हिसाब पल पल का लूंगा.
वक़्त ख़राब है तो झूकता जा रहा हूँ
जब दिमाग ख़राब होगा ना तो हिसाब पल पल का लूंगा.
खुले मैदान में जिस दिन Revolver Rani से सामना करोगे
तो मर्द होने की गलतफहमी दूर हो जायेगी
रिश्ते खराब होनें की एक बजह यह भी है
कि लोग झुकना पसंद नहीं करते
सुना है कि उसने खरीद लिया है करोड़ो का घर शहर में
मगर आँगन दिखाने वो आज भी बच्चों को गाँव लाता है
शेर के बुलाने पर भी सुवर उनकी दावत पर नहीं आते,
क्योंकि उन्हें भी पता है की उनकी ओकात कुत्तो तक ही सिमित है.
वो जो महबूब की यादों में जागते हैं तन्हा रातों में
सिर्फ वो ही बता सकते हैं कि कौनसे मोबाईल की बैटरी ज्यादा चलती हैं
अगर तू KiLLer हैं तो
मैं भी LØVeR हूँ प्यार से ठोक दुंन्गा
माना कि बहुत कीमती है वक़्त तेरा मगर
हम भी नवाब हैं बार-बार नहीं मिलेंगे
ठोकरें खा कर भी ना संभले तो मुसाफ़िर का नसीब
वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज़ निभा ही दिया
er kasz
टूट कर बिखर जाते है वो लोग मिट्टी की दीवारो कि तरह
जो खुद से भी ज्यादा किसी और से मोहब्बत किया करते है
आज सोचा जिंन्दा हुँ तो घूम लूँ
मरने के बाद तो भटकना ही है
ठुकरा दिया तूने अच्छा किया
मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं
मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है
क्यों ना गुरूर करूं अपने आप पे....
मझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारों थे....
औकात की बात मत कर ऐ दोस्त
लोग तेरी बंदूक से ज्यादा मेरी आंखो से डरते है