मौसम के साथ जिस्म के कपडे बदल गए
हालात ओ तजुर्बात ने चेहरा बदल दिया

नज़र-नज़र का फर्क है हुस्न का नहीं
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है

दूर गगन में उड़कर भी लौट आते हैं
परिंदे इन्सान की तरह बेपरवाह नही होते

कौन कौन आता है रोने तेरे दर पे ग़ालिब
बस एक बार अपनी मौत की अफवाह उडा के देख

शाखा से तोड़े गए फूल ने हँस कर ये कहा
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में

सुखी होने के चक्कर में जो पूरी ज़िंदगी दुःखी रहता है
शायद उसी का नाम इन्सान है

‪जिंदगी‬ का बस एक ही ऊसुल है यहॉं
तुझे ‎गिरना‬ भी खुद है और ‪सम्हलना‬ भी खुद है

कहते है कब्र में सुकून की नींद होती है
अजीब बात है यह बात भी जिन्दा लोगों ने कही

वाकिफ़ हु बहुत खूब इस दुनिया की फितरत से,
बहुत चाहते हे लोग मगर एक जरुरत की हद तक...!

वक्त मन और इंसान हर पल बदलाव की नीयत रखते है
खुशियाँ देने के लिए लोग आज कीमत रखते है

आमतौर पे एक सुंदर कन्या को देख कर बूढ़े
भूतकाल में चले जाते हैं और नौजवान भविष्यकाल में

बडे अजीब है इस दुनिया में लोग
ये ऊपरवाले को तो एक मानते हैं लेकिन ऊपरवाले कि एक नही मानते

जिस नजाकत से ये लहरे मेरे पैरों को छूती है
यकीन नही होता इन्होने कभी कश्तियाँ डूबाई होगी

जो पति अपनी बीवी से डरते हैं वो स्वर्ग में जाते हैं
और जो नहीं डरते उनके लिए धरती ही स्वर्ग के समान है

मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत है
मेरी माँ की बदौलत है
ऐ मेरे भगवान और क्या देगा तु मुझे
मेरी माँ ही मेरी सबसे बड़ी दौलत है