नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
ऐसे जख्मों का क्या करे कोई
जिन्हें मरहम से आग लग जाए
कैसे करू खुद से जुदा तुझे
मेरे अंदर भी बेशुमार है तू
तुम बैचैन हो, हम बेक़रार है
तेरे पास आने से हम लाचार है
नशा तब दोगुना होता है
जब जाम भी छलके और आँख भी छलके
er kasz
मुझे तो इन्साफ चाहिए बस
दिल मेरा हैं तो मालिक तुम केसे
न होते मुकाबिल न लडती नजर
ये अपनी खता है गिला क्या करें
मौत से ज्यादा वफादार नहीं कोई
आएगी एक दिन और सदा के लिए
जल गया सारा जमाना हम से
जब हमने हर दुऑ मै तेरा साथ मांगा
न हम मुस्कुराते न वो पास आते
इसी की मिली है सजा क्या करे
मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है
मिल जाए तब भी ना मिले तब भी