तेरी वफ़ा के खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगों ने
इक तेरी कदर न होती तो तेरा शहर जला देते

बहुत सोचा तुम्हे कई बार
सवाल बहुत उलझा हुआ हो तुम

किसी रोज रोशन मेरी भी जिंदगी होगी
इंतजार सुबह का नही किसी के लौट आने का है

आपकी सादगी पे क़त्ल-ऐ-आम हुवे जाते है
तब क्या क़यामत होगी जब आप सवंर कर आओगे
er kasz

मेरी खुद्दारी इजाज़त नही देती
कैसे कहूँ कि मुझे तेरी जरुरत है

Bharosa Mat Karna Is Duniya Ke Logon Pe
Mujhe Tabah Karne Wala Mera Bahot Azeez Tha

बदनसीबी का मे क़ायल तो नही था
लेकिन मैने बरसात मे जलते हुए घर देखे थे

टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था
कल रात मैने झांक के शायद अपने अंदर देखा था

जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता है
रुह से हुई मोहब्बत को समझाने में जिंदगी गुजर जाती है

धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये जनाब
आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है

जिस्म की बात नही थी उनके दिल तक जाना था
लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है

मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है
बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है

Tukde pade the raah me kisi haseen si tasveer ke
Lagta hai aaj koi deewana samajhdar ho gaya

Unke Sitam Ka Tha Asar,Ki Muskurana Bhool Gaye,
Sab Kuch Bhula Diya Dil Se,Pr Unhe Bhulana Bhool Gaye.

Toot Jata Hai Garibi Mein Who Rishta Jo Khas Hota Hai
Hazaron Yaar Bante Hai Jab Pisa Pass Hota Hai...?