शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तो
दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही
शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तो
दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही
मेने बस तुमसे बेइंतिहा मोहब्बत की है
ना तुम्हे पाने के बारे में सोचा ना ही खोने के बारे में
हम तो नादान है क्या समझेंगे मोहब्बत के उसूल
बस तुझे चाहा था तुझे चाहते हैं और तुझे ही चाहेंगे
मेरा दिल मुझसे कहता है कि वो बापस आयेगी
मैँ दिल से कहता हूँ कि उसने तुझे भी झूठ बोलना सिखा दिया
तुम छोड़ गये मुझको पर मैं बदल ना पाया आदतें
बस तुम्हें ही सोचना तुम्हें ही चाहना मेरा आज भी जुनून है
याद करते हैं उन दिनों को तो यादों से दिल भर आता है
कल तक तो साथ जिया करते थे आज मिलने को भी दिल तरस जाता है
मेरी मोहोब्बत को ठुकरा दे चाहे,
मैं कोई तुज़से ना शिकवा करुन्गा,
आंखो मे रेहती है तस्वीर तेरी,
सारी उमर तेरी पूजा करुन्गा...
इतनी हिम्मत नही मुझमे की तुझे दुनिया और मुक़द्दर से छीन लाऊँ मैं
लेकिन मेरे दिल से तुझे कोई निकाले इतना हक़ तो मैंने खुद को भी नही दिया
Ishq itne qareeb se guzra
Mai yeh samjha ke ho chuka mujh ko
arasti baarish mein yaad rakhna
tumhen satayengi meri aankhain
Yeh Bhi Acha Hai Sirf Sunta Hai
Dil Agar Boltaa To Qayamat Hoti
Bada ajeeb hota hai yeh muhabbat ka khel bhi
Ek thak jaye to dono har jaty hain
Use sochna chahiye tha har sitam se pehle
Mai sirf Aashiq hi nahi Insaan bhi tha