अदा जान लेती है जानी तुम्हारी
क़यामत हुई है जवानी तुम्हारी

लाख गुलाब लगा लो तुम अपने आगँन मे
खुसबू हमारे आने से ही होगी

गोरी तेरी आंखे काजल से तेज है
दिल को घायल करती फूलों की सेज है

दील चुराना शौख नही, पेशा है मेरा
क्या करें status ही कुछ एसा है मेरा|

तेरी आँखों से दो घूंट शराब क्या पी ली
दिल को चढ़ गया इश्क का जहर

बेसबब नही था मुस्कराना उसका
मगर हँसती थी मेरे अँदाज-ए-इश्क पर

बचपन से मुझे अच्छा बनने का शौंक था
साला बचपन खत्म शौंक भी खत्म

नजर से दूर होकर मुझको भूल न जाना
उजड़े हुए चमन में बनकर बहार आना

तेरा चेहरा हैं जब से मेरी आँखों मैं
लोग मेरी आँखों से जलते हैं

देखकर आपको ये दिल देखता रह गया
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया!

मुझे इतना भी मत घुमा ए जिंदगी
मै शहर का शायर हूँ MRF का टायर नही
er kasz

हो न हो कुछ तो खास बात है तुझमें
वरना यू रगों मै हर कोई बहता नहीं

माना कि जीत की आदत है मग़र
रिश्तों में हार जाना बेहतर होता है
er kasz

वाकिफ़ है वो मेरी कमज़ोरी से
वो रो देती है और मैं हार जाता हूँ
er kasz

शेर हर कोई नही होता
क्यों की शेर नाम से नही काम से जाना जाता है
G.R..s