तुम्हे तकलीफ न हो जरा भी चलने में
लो यह दिल चप्पल की जगह पहन लो
er kasz

एक आंसूं कह गया सब हाल दिल का
मैं समजा था ये ज़ालिम बे ज़बान है
er kasz

सारा बदन अजीब सी खुशबु से भर गया
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया

तेरा काला रंग तेरे ही काम आएगा
तेरे देवता के संग जब तेरी नाम आएगा

ग़लतियाँ सुधारने का समय तब खत्म हो गया
जब pencil की जगह pen हाथ में आ गया
er kasz

ऐ दिल सोजा अब तेरी शायरी पढ़ने वाली अब
किसी और शायर की गजल बन गयी है

दोस्ती का इरादा था प्यार हो गया
दोस्तो अब दुआ दीजिये सलाह नही
er kasz

कसम तुमको बता डालो आज आहे भरकर
मनाना किससे सिखा है गले का हार बनकर

मेरी तङप तो कुछ भी नही है
सुना है उसके दिदार के लिए आईने तरसते है
Er kasz

नजर मिलाके अदा से मुस्कुराती हो
चोर हो तुम मुफ्त में दिल चुराती हो

रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये
er kasz

करते वही हे जो हमेँ पसंद हैं
माना की वक्त कम हैं पर होंसला बुलंद हैं

हर शह मे होता है मुझे तेरा दिदार
ओर लोग कहते है फकीरा की नियत खराब है

ग़ज़ब है उसका हंस के नज़र झुका लेना
पूछो तो कहता है कुछ नही बस यूँ ही

खूबसूरत जिस्म हो या सौ टका ईमान
बेचने की ठान लो तो हर तरफ बाजार है
er kasz