चूमना पड़ता है फांसी का फंदा
चरखा चलाने से कभी इंकलाब नहीं मिलता!
चूमना पड़ता है फांसी का फंदा
चरखा चलाने से कभी इंकलाब नहीं मिलता!
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी...
मुनासिब होगा कि अब मेरा हिसाब कर दे...!!” Er kasz
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िन्दगी कहते है
गलती सुधरने का मौका तो उसी दिन से मिलना बंद हो गया था
जिस दिन हाथ में पेंसिल की जगह पेन थमा दिया गया था
दिल मे चाहत का होना जरुरी है
वरना
याद तो रोज दुश्मन भी करते है
उम्र कैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही ! Er kasz
ये कलयुग है कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें
कली फल फूल पेड़ पौधे सब माली बेच देता है
er kasz
इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ए बेखबर
शहर मे तेरी जीत से ज्र्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैँ
er kasz
तेरी मोहब्बत से लेकर तेरे अलविदा कहने तक
मेंने सिर्फ तुजे चाहा है तुजसे कुछ नहीं चाहा
दूसरों की अपेक्षा अगर आपको सफलता यदि देर से मिले तो
निराश नही होना चाहिये क्योँकि मक़ान बनने से ज्यादा समय महल बनने मेँ लगता है
er kasz
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए
er kasz
जिंदगी जीने के लिए मिली थी
हमने किसी की हसरत में गुजार दी
उलझे है प्रश्न सभी सुलझाये कोन
पंक्ति पंक्ति घायल हे पृष्ठ पृष्ठ मौन
सब छोड़ रहे हे मुझे अपना बनाकर
ऐ जिन्दगी तुझे भी ईजाजत हे.
=RPS
मौका तो हमें भी एक ही चाहिये
मिलेगा तो बता देंगे दुनियाँ को की ह्म क्या है
er kasz