आज फिर तन्हा रातो मै इन्तेजार है मुझे उस शख्स का
जो कहा करता था तुमसे बात किए बिना नीँद नही आती ।

किन लफ़्ज़ों में बयां करूँ अपने दर्द को ए ज़िन्दगी
सुनने वाले तो बहुत हैं समझने वाला कोई नहीं...

तन्हा रहना तो मोहब्बत वालो की एक रस्म है
अगर फूल सिर्फ खुशी के लिये होते तो जनाजे पर न डाले जाते

"दर्द" वो है, जो दूसरों को दर्द में देखकर महसूस हो वरना
अपना दर्द तो जानवरों को भी महसूस होता है...!

जहां हो, जैसे हो, वहीं ....वैसे ही रहना तुम ,
.
तुम्हें पाना जरुरी नहीं....तुम्हार
ा होना ही काफी है...!! Er kasz

इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो
कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए…

उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब सिलसिला था
अपना भी नहीं बनाया, और किसी का होने भी नहीं दिया

वो भी एक ना एक दिन किसी से बिछड़ जाएगी
तब उसको एहसास होगा की में कितना जरुरी था उसकी ज़िंदगी के लिये

दोस्त तुम पत्थर भी मारोगे तो भर लेंगे झोली अपनी,
क्योंकि हम यारों के तोहफ़े ठुकराया नहीं करते !! Er kasz

मैं तो परेशान हूँ आँखों की शेतानियों से,
तुझे देख कर हर बार प्यार का इलज़ाम दिल पर लगा
देती हैं..!!ණ!!

तेरी यादों के संग बरसती रही अश्कों की बारिश.
भीग गई हथेलियाँ ढूंढते ढूंढते लकीरों में तेरा नाम.!Er kasz

तेरी गलियों में आना तो दूर तुझे भूल से भी याद ना करेंगे
बस एक बार तू कह दे कि मैं किसी और की अमानत हूं

जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती और
जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही मिलती
Er kasz

गजब का हुनर है हाथों में लिखने का
मैं कलम से अपने दिल की दास्ताँ लिखती हूँ
और लोग वाह वाह करते हैं

तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा ….
वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नहीं……! Er kasz