कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु
वो जो दर्द का सौदागर था मोहब्बत छोड़ दी उसने

सिलने उधड़ गई हैं जैसे यादें धूमिल हो जाती हैं
कुछ को जोड़ना हैं धागों से कुछ तो टूट जानी हैं

सुना है आज बिक रहा है इश्क़ बाज़ार में
जाओ उस इश्क़ फरामोश से पूछो वफ़ा भी साथ देता है क्या

वाह वाह बोलने की ‪आदत‬ डाल लो दोस्तों
मै ‪मोहब्बत‬ में अपनी ‪‎बरबादियां‬ लिखने वाला हुं

टूट जायेंगी उसकी ज़िद की आदत उस वक़्त
जब मिलेगी ख़बर उनको की याद करने वाला अब याद बन गया है

जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे
वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है

कुछ इस तरहा से सौदा कीया मुझसे मेरे वक़्त ने
तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानीया ले गया
er kasz

कोई मुझ से पूछ बैठा बदलना किस को कहते हैं
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ मौसम की या तेरी

ना जाने किस मिट्टी को मेरे वजुद की ख्वाईश थी
मै ईतना तो बना भी ना,,था जीतना मिटा दिया गया हूँ

सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा
सिर्फ एक कदम बढा दो बाकी के फासले मै खुद तय कर लूँगा
Er kasz

इश्क मुकम्मल कब हुआ है जो आज होगा
इतिहास गवाह है किताबो मे भी अधुरा था हकीकत मे भी अधुरा है ..

एक ख़त कमीज़ में उसके नाम का क्या रखा
क़रीब से गुज़रा हर शख़्श पूछता है कौन सा इत्र है जनाब
Er kasz

प्यार मोहब्बत आशिकी..
ये बस अल्फाज थे..
मगर.. जब तुम मिले..
तब इन अल्फाजो को मायने मिले !!
•• Er kasz

शायरियों से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
दर्द बाँटने के लिए लिखता हूँ दर्द देने के लिए नही

अगर किसी दिन रोना आये,
तो कॉल करना,
हसाने की गारंटी नही देता हूँ,
पर तेरे साथ रोऊंगा जरुर