मेरे आंसू और तेरी यादों का कोई तो रिश्ता जरूर है
कमबख्त जब भी आते है दोनों साथ ही आते है

उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा
आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में

जरा बताओ तो किसे गुरुर है अपनी दौलत पर
चलो उसे बादशाहों से भरा कब्रस्तान दिखाता हु
er kasz

तुम्ही ने लगा दिया इल्जाम ए बेवफाई मुझ पर
मेरे पास तो वफ़ा के गवाह भी सिर्फ तुम ही तो थे|

अब अपनी यादों की खुशबू भी हम से छीन लोगे क्या
किताब-ए-दिल में अब ये सूखा गुलाब तो रहने दो

पूछा था हाल उन्होंने बडी मुद्दतों के बाद...
कुछ गिर गया है आँख में,कहकर रो पड़े हम...
घायल

मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग ।।
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता !!Er kasz

कल घर से निकले थे, माँ के हाथो के बने पराठे खा कर...
आज सड़क किनारे चाय तलाश रही है जिंदगी...!! Er kasz

जब बिखरेगा तेरे रूखसार पर तेरी आँखों का पानी
तुझे एहसास तब होगा मोहब्बत किस को कहते है

बड़ी सादगी से उसने कह दिया रात को सो भी लिया कर
रातों को जागने से मोहब्बत लौट नहीं आती
er kasz

ए इश्क़ तुझसे दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नही मानोगे..
बहुत चैन के दिन थे तेरी पहचान से पहले..

तेरी ख्वाहिश कर ली तो कौन सा गुनाह किया
लोग तो इबादत में पूरी क़ायनात मांगते हैं खुदा से

चले आती है कमरे में दबे पाँव ही हर दफ़े
तुम्हारी यादों को दरवाज़ा खटखटाने की भी तमीज़ नहीं

सिर्फ एक बार आओ मेरे दिल में अपनी मोहब्बत देखने
फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे

ये समन्दर भी तेरी तरह खुद्गर्ज निकला
जिन्दा था तो तैरने ना दिया मर गया तो डूबने ना दिया