पूछते हैं सब लोग तुम इतनी अच्छी शायरी कैसे करते हो
तो मुस्कुरा कर कहता हूँ सब कमाल दर्द का है
पूछते हैं सब लोग तुम इतनी अच्छी शायरी कैसे करते हो
तो मुस्कुरा कर कहता हूँ सब कमाल दर्द का है
में तो हर बार पीछे मुड़ कर देखता रहा
वही रास्ते थे वही मंजर था बस एक तुम ही वहाँ से लापता थे
Er kasz
मेरी पागल सी मोहब्बत तुम्हे बहुत याद आएगी
जब हँसाने वाले कम और रुलाने वाले ज्यादा होंगे
Er kasz
गुज़र गया वो वक़्त जब हम तुम्हारे तलबगार हुआ करते थे.
अब ज़िन्दगी भी बन जाओ तो क़ुबूल नहीं करेंगे.
दोस्तों कह देना पगली से दिल की ज़िद हो तुम ऐ बेखबर
वरना बहुत सी हसींना देखी हैं इन आँखों ने भी
कुछ पल के लीये ही मुझे अपनी बाहों में सुला लो
अगर आँख खुली तो उठा देना अगर ना खुली तो दफ़ना देना
मेरे चेहरे से कफ़न हटा कर जरा दीदार तो कर लो ऐ जान
बंद हो गई है वो आँख जिन्हे तुम रुलाया करते थे
जितना Attitude तुम अपनी सारी जिंदगी में नही कमा पाओगी
पगली उतना तो हम अपने पैग में घोल कर पी जाते हैं..
मेरे लिए इतनी लम्बी उम्र की दुआ मत मांग .
ऐ दोस्त
कहीं ऐसा ना हो के तू भी छोड़ दे और मौत भी ना आये.
कहा था ना कि मोहब्बते मुकम्मल नही हुआ करती
बेदर्द जमाना साजिशो का दौर ओर हमारा मासूम सा इश्क
तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा
वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नहीं
तेरे गुरुर को देखकर तेरी तमन्ना भी छोड दी हमने
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुझे मेरी तरह
er kasz
तेरे गरूर को देख कर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने
ज़रा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह.....
हम तो नादान है क्या समझेंगे मोहब्बत के उसूल
बस तुझे चाहा था तुझे चाहते हैं और तुझे ही चाहेंगे
कुछ दर्द मुझे तू सहने दे, अंदर से जिंदा रहने दे,
आँखें बंजर हो जाएंगी, कुछ अश्क मेरे तू बहने दे..Er kasz