हिसाब लगाकर देखा है मैने दुःख के कारण बस दो चार हैं
पर खुश रहने की वजहें इस दुनिया में कई हजार हैं

मैं तो परेशान हूँ आँखों की शेतानियों से,
तुझे देख कर हर बार प्यार का इलज़ाम दिल पर लगा
देती हैं..!!ණ!!

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते
या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे

बीत जाती है जिसकी पूरी रात सिसकियों में,
वो शख्स दिन के उजालों में सारे जहाँ को हँसाता फिरता हैं...!!

किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस खुदा ही जानता है
दिल अगर बेनकाब होता तो सोचो कितना फसाद होता
Er kasz

बर्बाद कर के मुझे उसने पूछा करोगे फिर मुहब्बत मुझसे
लहू लहू था दिल मगर होंठों ने कहा इंशा अल्लाह

तेरी यादों के संग बरसती रही अश्कों की बारिश.
भीग गई हथेलियाँ ढूंढते ढूंढते लकीरों में तेरा नाम.!Er kasz

शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता
शिकवा तो इस दिल को भी है पर इसे शिकायत करना नहीं आता

आज किसी ने मेरा ये बात कहके दिल तोड़ दिया
की तू इतराना छोड़ दे लोग तेरे नहीं तेरी शायरी के दीवाने हैं

जिन्दा रहो जब तक लोग कमियां ही निकालते हैं..
मरने के बाद जाने कहाँ से इतनी अच्छाइयां ढूंढ लाते हैं...

जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती और
जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही मिलती
Er kasz

नाराज़ क्यों होते हो चले जाएंगे तुम्हारी महफ़िल से
लेकिन पहले मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो

तन्हाई की रात गुज़र ही जाएगी इतने भी हम मजबूर नहीं.
दोहरा कर तेरी बातों को कभी हंस लेंगे कभी रो लेंगे.

इस रात की उदासियों से पूछो मेरे दिल की हालत
जब भी तुम्हारी याद आती है ये अँधेरे और भी गहरे हो जाते है

कुछ शब्दों महज शब्द नहीं होते वह स्थितियाँ होती हैं,
जो तब ही समझ में आती हैं जब खुद आप पर गुज़रती है