दुश्मन हो तो इश्क जैसा
सीधा दिल पे वार करे

एक मुकम्मल सी याद बाकी है
एक अधूरे इश्क की

दुश्मन हो तो इश्क जेसा
सीधे दिल पर वार करे

आज सूरज उदास बैठा है
तुम मेरी सुबह हो आ जाओ

बदलता तो इंसान है
वक़्त तो सिर्फ एक बहाना है

लो तुम रख लो ये दिल
सीने में बहुत चुभता है अब

दिल जब जल रहा था
आँखो से बरस पड़ा था सावन उसके

कौन किसी के दुःख का साथी
अपने आंसू अपना दामन

ए खुदा तुझे इश्क का वास्ता
या यार दे या मार दे

दिल से बेहतर तो रावण है
साल में एक ही दिन जलता

कुछ तो बेवफाई मुझमे भी है
जिंदा हुँ तेरे बगैर

मेरे अल्फ़ाज़ तो चुरा लोगे
वो दर्द कहाँ से लाओगे

दिल गिरवी है उस के पास
मोहब्बत क़र्ज़ ली थी जिस से..

कुछ तो बेवफाई मुझमें भी है...
जिंदा हूँ तेरे बगैर...!!

वक़्त दिखाई नही देता है पर
दिखा बहुत कुछ जाता है