धुँए की तरह उड़ना सीखो
जलना तो लोग भी सीख गये हैं
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दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ
राख के नीचे आग दबी होती है
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आजमाते हैं लोग सब्र मेरा
करके बार बार जिक्र तेरा
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बहुत सोचा तुम्हे कई बार
सवाल बहुत उलझा हुआ हो तुम
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दोस्तो मुझे मुहब्बत हो गयी है
मैं बच तो जाउंगा ना
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जिंदगी मेरी उलझ जाती है
जब तेरा नाम कोई और लेता है
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मरने का मज़ा तो तब है
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये
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दर्द को इकट्ठा किया है मैंने
मुस्करा कर जीते जीते
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साँस तेज है बुखार तो नहीं
नब्ज़ देखना प्यार तो नहीं
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जब नफरत करते करते थक जाओ
तो एक मोका प्यार को भी देना
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नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
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नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
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ऐसे जख्मों का क्या करे कोई
जिन्हें मरहम से आग लग जाए
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कैसे करू खुद से जुदा तुझे
मेरे अंदर भी बेशुमार है तू
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रोता रहा फूल सारी रात
लोग ओस कहकर वहां से गुजरते रहे
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