हम तो सोचते थे कि लफ्ज ही ‪चोट‬ करते है
पर कुछ खामोशियो के ‪जख्म‬ तो और भी गहरे निकले

ये कोन चुरा ले गया चेन ए सुकून मेरे नशीब से
गुजरा जरुर था। एक दोर इश्क का मेरे करीब से

न जाने क्यूँ ये रात उदास कर देती है हर रोज
महसूस होता है जैसे भूल रहा है कोई धीरे धीरे

"पास मेरे अल्फ़ाज़ों की कोई कमी नही हैं !
पर क्या करूँ फितरत ही जरा खामोश सी हो गयी हैं !!"

रिश्ता दिल से होना चाहिए शब्दों से नहीं
नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं

कहाँ कहाँ नहीं खोजा तुने एक कतरा सच्ची महोब्बत का
मेरी आँखो में बस ज़रा सा झाँक लेते

बिछड़ के वो रोज मिलती है मुझ से ख्वाब में दोस्तों
अगर ये नींद ना होती तो में मर गया होता

खो जाआे मुझ में तो मालूम हो कि दर्द क्या है
ये वो किस्सा है दो ज़ुबान से बयां नहीं होता

आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग
जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटा हटा कर देखेंगे लोग

रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया
er kasz

अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आंसू
अभी छेड़ी कहाँ है दास्ताने जिन्दगी मैंने

सावन के मोसम में जगता हूं सारी रात
हाय रे मेरी बदनसीबी क्यों होती नहीं तुमसे मुलाकात

बेटियों के जन्म पर मातम मनाने वालों...
.
आज उस घर में जाकर देखो जहाँ बेटियाँ
नही है ।।

जब भी देखता हुं हसते खिलखिलाते चेह्ररे लोगों के
दुआ करता हुं इन्हे कभी मोहब्बत ना हो

गरूर तो नहीं करता लेकिन इतना यक़ीन ज़रूर है..
कि अगर याद नहीं करोगे तो भुला भी नहीं सकोगे.!!!