हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन अभी
तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को

अगर किसी दिन रोना आये तो कॉल करना
हसाने की गारंटी नही देता हूँ पर तेरे साथ रोऊंगा जरुर

उम्र गुज़र गई उससे बिछड़े अब मुझे ज़माना हो गया है
मेरा ग़म भी बढ़ते बढ़ते और सुहाना हो गया है

तलाश कर लो मेरी कमियों को अपने ही दिल में एक बार
दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकि है

मेरे आंसू और तेरी यादों का कोई तो रिश्ता जरूर है
कमबख्त जब भी आते है दोनों साथ ही आते है

उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा
आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में

हसीनों में अगर इतनी सितम लानी नहीं होती
मुहब्बत करने वालों को इतनी परेशानी नहीं होती

जब बिखरेगा तेरे रूखसार पर तेरी आँखों का पानी
तुझे एहसास तब होगा मोहब्बत किस को कहते है

चले आती है कमरे में दबे पाँव ही हर दफ़े
तुम्हारी यादों को दरवाज़ा खटखटाने की भी तमीज़ नहीं

सिर्फ एक बार आओ मेरे दिल में अपनी मोहब्बत देखने
फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे

ना जाने क्यो दिन निकलते ही उदास हो जाता हुँ
महसूस होता है कि कोई भूल रहा है हमे धीरे-धीरे

उन पर बीतेगी तो वो भी जान जायेंगे ऐ दोस्त
जब कोई नजर अदांज करता हैं तो कितना दर्द होता है

चन्द लम्हें जो गुज़ार आया हूँ अंजानो के साथ
दिल नहीं लगता मेरा अब जाने पहचानों के साथ
er kasz

हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही
मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग

कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु
वो जो दर्द का सौदागर था मोहब्बत छोड़ दी उसने