तुम हुस्न हो तुम्हारी फिक्र हर किसी को होगी
हम आशिक हैं अपना ख्याल खुद ही रखते हैं
तुम हुस्न हो तुम्हारी फिक्र हर किसी को होगी
हम आशिक हैं अपना ख्याल खुद ही रखते हैं
इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज गजब की हैं
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन
er kasz
तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी
तेरा मुड़_मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया
जब वो मुझसे नाराज होती थी तब
मुझे दुनिया की सबसे महँगी चीज उसकी मुस्कान लगती थी
er kasz
इक आग का दरिया हैं मोजों की रवानी हैं
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं.. तेरी मेरी कहानी हैं
er kasz
एक वो हैं जो हमारी बात समझते नहीं
और यहाँ जमाना हमारे शेर पढ़कर दीवाना हुआ जा रहा है
माना के तुम हसींन हो तुम्हे हक है शरारत का
किसी की जान पर बन जाये शरारत युँ नहीं करते
उनकी जुल्फें थीं, लब-ओ-रुखसार थें
और हाथ मेरे उफ्फ! कट गए रात के लम्हे शरारत करते करते
बाग में टहलते हुये एक दिन जब वो बेनकाब हो गए
जितने पेड़ थे बबूल के सब के सब गुलाब हो गए
निगाहें शोखियां दे दो या अपना बांकपन दे दो
मैं मांगू इक कली गरचे तो तुम सारा चमन दे दो
यही सोचकर तेरी हर बात को सच मान बैठे हम
की इतने खुबसुरत होठ भला झूठ कैसे बोल सकते हैं।
कोन कहता है कि हमारी बात में वो अंदाज़ नहीं
तेरे अलग होने के बाद लोग हमे शायर कहते हैं
कोई पूछता है मुझसे जब मेरी जिंदगी की कीमत
मुझे याद आ जाता है तेरा हल्का सा मुस्कुराना
हाल तो पुछ लु तेरा, पर डरता हुँ आवाज़ से तेरी
जब जब सुनी है कमबख़्त मोहब्बत ही हुई है
Er kasz
देख पगली मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे
जब आपके पास वक्त ओर हमारे पास सांसो की कमी होगी