कितने बेबस हैं तेरी चाहत में
तुझे खो कर भी अब तक तेरे हैं
कितने बेबस हैं तेरी चाहत में
तुझे खो कर भी अब तक तेरे हैं
जहाँ सफाई देनी पड़ जाय हर बार
वो रिश्ते कभी गहरे नही होते !!!
नाबुरा होगा, ना बढ़िया होगा,
होगा वैसा, जैसा नजरिया होगा ।
प्रश्न:- जीवन क्या है.?
उत्तर:facebook और whatsup से बचा हुआ समय ही जीवन है!
खाली खाली बीत रही है जिन्दगी
अपने साथ वो सारी रौनकें ले गए
क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना उसी के बगैर जीना
अगर इंसान मिल जाए मुकम्मल;
तो सर पत्थर के आगे क्यूँ झुकाऊँ।
हम बने थे तबाह होने के लिए
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह …. ..
उन सबके बीच
तेरी कमी अपनी जगह
कहीं तो दर्द होगा कोई सीने में ज़रूर
यूँ ही हर एक तनहा शायर नहीं होता
हिलते लबो को तो दुनिया जान लेती हैं..
मुझे उसकी तलाश है जो ख़ामोशी पढ़ ले..!
शायद कोई तराश कर किस्मत संवार दे !
यही सोच कर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा !!
सुख सुविधा के कर लिये जमा सभी सामान
कौड़ी पास न प्रेम की बनते है धनवान
दिल्लगी कर जिंदगी से दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी थोडा मुस्कुरा के चल
ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे....
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है.