तेरे दर पे आने से पहले मैं बड़ा कमज़ोर होता हूँ
पर तेरी दहलीज़ को छू लेते ही मैं कुछ और होता हूँ
तेरे दर पे आने से पहले मैं बड़ा कमज़ोर होता हूँ
पर तेरी दहलीज़ को छू लेते ही मैं कुछ और होता हूँ
बिंदास मुस्कुराओ क्या ग़म हे ज़िन्दगी में टेंशन किसको कम हे
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम हे जिन्दगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम हे
"मेरे सजदे की दुआएँ तुम क्या जानो हमदम...सर झुका तो तेरी खुशी माँगी.. हाथ उठे तो तेरी जिँदगी माँगी.!!""
स्वभाव रखना है तो
उस दीपक की तरह रखो
जो
बादशाह के महल में भी उतनी रोशनी देता है
जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में"..
G.R..s
भरोसा खुदा पर है तो जो लिखा है तकदीर में वो ही पाओगे
मगर भरोसा अगर खुद पर है तो खुदा वही लिखेगा जो आप चाहोगे
जब सब तेरी मर्ज़ी से होता है..
तो ए खुदा ये बन्दा गुन्हेगार कैसे हो गया..
ए खुदा
बस इतनी शोहरत बक्शना मेरे नाम को
जिसके भी लबो पे आए मुस्कराहट के साथ आए
जलील ना किया करो किसी फकीर को ऐ दोस्त.. वो भीख लेने नही
तुम्हें दुआएँ देने आता है...
ना जाने किसकी दुआओं का फैज़ है मुझपर,
मैं डूबता हूँ और दरिया उछाल देता है...
गुज़र गया आज का दिन भी तमाम ख्वाहिशे लेकर
साँसों ने शरीर का दामन ना छोड़ा तो कल फिर मिलेंगे
एक बात तो पक्की है कि छीन कर खाने वालों का कभी पेट नहीं भरता
और बाँट कर खाने वाले कभी भी भूखे नहीं रहते
तुम्हे इंसान पहचानना बिलकुल नहीं आता
हमेशा कहते रहे वो सच खुद उन्हें पहचानने में अपनी आधी ज़िन्दगी लगा दी मैंने
लम्हा-लम्हा इंतजार किया उस लम्हे के लिये
वो लम्हा आया तो बस एक लम्हे के लिए
गुजारिश ये है खुदा से मेरी
वो लम्हा फिर आ जाये एक लम्हे के लिए
चाहे दुआ कबुल हो या ना हो पगली
मुझे लोगों की तरह खुदा बदलना नहीं आता
चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे
इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई वो किसी ओर कि क्या होगी