एक पठान धोबी से: तुम ऐसे बुरे कपड़े धोते हो कि फाड़ कर एक के दो कर देते हो। धोबी ने कहा: जनाब फिर मेरी शराफ़त भी तो देखिए मैं पैसे सिर्फ एक कपड़े के लेता हूँ!
एक पठान धोबी से: तुम ऐसे बुरे कपड़े धोते हो कि फाड़ कर एक के दो कर देते हो। धोबी ने कहा: जनाब फिर मेरी शराफ़त भी तो देखिए मैं पैसे सिर्फ एक कपड़े के लेता हूँ!
जूता छुपाई की रस्म के वक़्त दूल्हे की एक साली बोली मैं तो 1100 लूंगी। दूसरी साली: मैं तो 2100 लूंगी। पीछे से पठान बोला 2310 ले लो उसमें ऍफ़एम् (FM) भी है।
पठान: मेरी बीवी बिजली है बिजली। सिंधी: तो ज़रा उससे पूछ कि हर दो घंटे बाद कहाँ चली जाती है?
पठान के ट्रक के पीछे लिखा था छोटा परिवार सुखी परिवार । और सबसे नीछे लिखा था सलीम अब्दुल शोएब सलमान फातिमा जोया शबनम और शेह्नाज़ के अब्बू की गाड़ी।
मौलाना: बतीस और बतीस कितने होते हैं? पठान: बहुत आसान दो बतीस!
पठान की फ्लाइट में तबियत खराब हो गई तो एयर होस्टेस ने पूछा Are you sick suffering from fever? पठान ने जवाब दिया No I m Muslim suffering from Peshawar.
एक पठान पर बिजली की तार गिर गई! पठान तड़प तड़प के मरने ही वाला था की उसे याद आया की बिजली तो दो दिन से बंद है!
पठान: मैं मरने के बाद अपना दिमाग हॉस्पिटल में दान करना चाहता हूँ। सिंधी: हाँ सही है। तुम्हारा दिमाग उनके बहुत काम आएगा। पठान: वो कैसे? सिंधी: डॉक्टरों को भी पता चल जायेगा कि जो दिमाग कभी इस्तेमाल ही नहीं हुआ वो कैसा होता है।
नर्स: मुबारक हो खान साहब आप के घर लड़का पैदा हुआ है! पठान: ओ मेरे खुदा यह कैसा टेक्नोलोजी है; बीवी मेरा हॉस्पिटल में है और बच्चा घर पैदा हुआ है!
पठान गुस्से से: वेटर चिकन बिरयानी में चिकन है ही नहीं। वेटर: साहब गुलाब जामुन में कौन सा गुलाब होता है? पठान: हाँ यार सॉरी!
सलमा: माँ जी वो अभी तक घर नहीं आये। कहीं किसी लड़की का चक्कर तो नहीं है उनका? पठान की माँ बड़े गुस्से में बोली अरे कलमुही तू तो हमेशा गलत ही सोचती है। हो सकता है कि . वो किसी ट्रक के नीचे आ गया हो ।
आदमी: बताओ ऐसा क्या करें कि साप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे? पठान: जूते से मार दो!
एक जमादार गटर में झुककर कचरा निकाल रहा था। पठान ने देखा तो बोला ओ यारा 6 नान हमारा भी लगा दो।
दो पठान रात को घूम रहे थे। पठान 1: बहुत गर्मी है यार। पठान 2: हाँ यार अगर दिन होता तो कहीं छाओं में बैठ जाते।
ग्राहक: इस लस्सी में मक्खी गिरी है। पठान: ओये दिल बड़ा रख। ये नन्ही सी जान तेरी कितनी लस्सी पी जायेगी।