हर "जुर्म" पे उठती हैं उँगलियाँ मेरी तरफ__
क्या "मेरे" सिवा शहर में "मासूम" हैं सारे।

हमारे दुश्मनों को हमारे सामने सर उठाने की हिम्मत नही
और वो पगली दिल से खेल कर चली गयी

मौत को तो लोग यूहीं बदनाम करते है ।
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तकलीफ तो सुबह सुबह ‪‎ठंडा पानी‬ देता है ।

उम्र और ज़िन्दगी में फर्क बस इतना
जो तेरे बिन बीति वो उम्र जो तेरे साथ बीति वो ज़िन्दगी

गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का वरना
लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ

" जो तेरी चाह में गुज़री, वही ज़िन्दगी थी,
उस के बाद तो बस, ज़िन्दगी ने गुज़ारा है मुझे"

इतना हक ना दे मुझे, हम मौका परस्त है,
जुल्फों को सुलझाते सुलझाते,लबों को चूम लिया करते

हमे तो अपनो ने लूटा,
गैरो मे कहा दम था,
मेरे बाफले वही जले,
जहा राखोडा कम था..,😝😝😝😜✋😃

आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग
जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटा हटा कर देखेंगे लोग

तुझे क्या लगा तु मुझे छोड कर चली जाएगी तो मैं मर जाऊंगा
घंटा अरे पगली लडकी है तु OxyGeN नहीं

आसरा इक उम्मीद का देके मुझ से मेरे अश्क न छीन
बस यही एक ले दे के बचा है मुझ में मेरा अपना

एक कविता ऐसी लिखूं ,जो तेरी आखों में दिखाई दे
आँखें बंद करू तो तेरी सांसो में सुनाई दे...

तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता

उसकी माँ ने कहा:- बेटा तूने मेरी बेटी को क्या कर दिया है
रो रो के पागल हो गई है मैनें कहा:- Block

लिखता हु केवल दिल की तसली के लिए, वरना जिन पर अशको का असर नही हुआ उनपे अलफाजो का कया होगा।