गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल; ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही।

कभी खुशी भी मिले हरपल गम अच्छा नहीं लगता हसीन कितना भी हो हमेशा एक जैंसा मौसम अच्छा नहीं लगता!

तालीमें नहीं दी जाती परिंदों को उड़ानों की; वे खुद ही तय करते है ऊंचाई आसमानों की; रखते है जो हौसला आसमान को छूने का; वो नही करते परवाह जमीन पे गिर जाने की।

बाहर के सर्द मौसम पर तो तुम्हे ऐतराज़ हो चला है; रगों में बहते सर्द खून का कभी तुम ज़िक्र नहीं करते।

मौसम को देखो कितना हसीन है! ठंडी हवाये और भीगी ज़मीन है! याद आ रही है आपकी कुछ बाते! आप भी याद कर रहे होंगे इतना यकीन है!

ज़िंदगी भी टेम्पल रन और सब्वे सर्फर गेम जैसी हो गयी है
भागते दौड़ते पैसे कमा रहे हैं पर जाना कहा है किसीको पता नही
G.R..s

आज मौसम में कुछ अजीब सी बात हैं; बेकाबू हमारे जज्बात है; जी चाहता है तुमको चुरा ले तुम्ही से; पर मम्मी कहती है कि चोरी बुरी बात है।

सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहे; जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे; शाखों से जो टूट जाये वो पत्ते नही है हम; आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।

सर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा है; तनहा रात में इंतज़ार कितना अलग सा है; धुंध बनी नक़ाब और छुपा लिया सितारों को; उनकी तन्हाई का अब एहसास कितना अलग सा है।

​उन्होंने देखा और ​हमारे ​आंसू गि​​र पड़े​;​ ​​​​भारी बरसात में जैसे फूल बिखर पड़े​;​ दुःख यह नहीं कि उन्होंने हमें अलविदा कहा​;​ दुःख तो ये है कि उसके बाद वो खुद रो पड़े​।