आप न होते तो हम खो गए होते; अपनी ज़िन्दगी से भी रुसवा कर गए होते; यह तो आपको शुभ दिवस कहने के लिए उठे हैं; वरना हम तो अभी भी सो रहे होते! शुभ दिवस

पानी की बूंदे फूलों को भिगा रही हैं; ठंडी लहरे एक ताज़गी जगा रही हैं; हो जायें आप भी इनमें शामिल; एक प्यारी सी सुबह आपको जगा रही है। शुभ दिवस।

हर नियामत हर ख़ुशी आपकी हो; महक उठे वो महफ़िल जिसमें हँसी आपकी हो; कोई भी लम्हा आप उदास ना हों; ख़ुदा करे जन्नत जैसी ज़िंदगी आपकी हो। शुभ बड़ा दिन!

लोगों को सुना है वे आपके बारे में सभी अच्छी चीजों के सवाल करेंगे; लेकिन एक दूसरे के बिना सोचा है सभी बुरी बातों में विश्वास करेंगे। शुभ दिन।

तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने; तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने; मत सोच कि हम भूल गए है तुझे; आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे। शुभ दिन!

वादियों से सूरज निकल आया है; फिजाओं में नया रंग छाया है; खामोश क्यों हो अब तो मुस्कुराओ; आपकी मुस्कान को ही देखने; तो ये सूरज निकल आया है! शुभ दिवस!

जिंदगी में जब आपको किसी के साथ लम्बें समय तक रिश्ते निभाना हो तो अपने दिल में एक क़ब्रिस्तान बना लो। जहाँ आप उसकी गलतियों को दफ़ना सको। शुभ दिवस!

सुबह सुबह एक पैगाम देना है; आपकी सुबह को पहला सलाम देना है; गुजरे सारे दिन आपके खुशियों में; आपकी सुबह को एक खूबसूरत नाम देना है। शुभ दिवस दोस्तो।

सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हो आपके आँचल में; ये मेरे होंठो पर पहली फ़रियाद होती है। शुभ दिवस।

थकानपुर से फ्रेशनगर तक आने वाली निंदिया एक्सप्रेस प्रभात नगर पहुँच चुकी है। यात्रियों से अनुरोध है कि वो अपने हसीन सपनों से जाग जायें। शुभ दिवस।

सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँखे खुलते ही आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; ये मेरे होंठों पे पहली फरियाद होती है। शुभ दिवस।

सितारों के बिस्तर से सूरज को जगाया है; चाँद को रात का मेहमान बनाया है; कोई इंतज़ार कर रहा है मेरे मैसेज का; ठंडी हवाओं ने मुझे अभी-अभी बताया है! शुभ दिवस!

सितारों के बिस्तर से सूरज को जगाया है; चाँद को रात का मेहमान बनाया है; कोई इंतज़ार कर रहा है मेरे मैसेज का; ठंडी हवाओं ने मुझे अभी-अभी बताया है। शुभ दिवस।

सुबह सुबह ज़िन्दगी कि शुरुआत होती है; किसी अपने से बात हो तो खास होती है; हंस के प्यार से अपनों को शुभ दिवस बोलो तो; खुशियाँ अपने आप साथ होती हैं! शुभ दिवस

हर सुबह की धूप कुछ याद दिलाती है; हर महकती खुशबू एक जादू जगाती है; जिंदगी कितनी भी ब्यस्त क्यों ना हो? निगाहों पर सुबह सुबह अपनों की याद आ ही जाती है! शुभ दिवस!