रंगीन हो तुम रंगो से ज्यादा; महकते हो तुम फूलों से ज्यादा; स्मार्ट हो तुम मुझसे ज्यादा; अगर यह सोचते हो तुम तो बेवक़ूफ़ हो तुम हद से ज्यादा।

आप मन ही मन उन्हें चाहते रह गए; उन्हें पटाने का प्लॉन बनाते रह गए; पटाकर कोई और ले गया उनको; . . . . . . . और आप उनकी शादी के टैंट से कुत्ते भगाते रह गए।

लाइन मारने के बहुत से तरीके होते हैं जिनमें से 3 प्रसिद्ध हैं; 1. पेंसिल से 2. पेन से 3. मार्कर(Marker) से अच्छा सोचो कुछ लोग शरीफ़ भी होते हैं। मेरी तरह!

ना जाने वो हमसे क्या छुपाती थी। कुछ था उसके होंठों पे मगर ना जाने क्यों शर्माती थी जब मुँह खुलवाया तो पता चला कि . .. ... .... ..... कमबख्त गुटखा खाती थी!

दोस्ती को बड़े प्यार से निभाएंगे; कोशिश रहेगी तुझे न सतायेंगे; कभी पसंद न आये मेरा साथ तो बता देना; गिन भी न पाओगे कि इतने थप्पड़ लगाएंगे।

जब तुम इस दुनिया से जाओगे; दूर कहीं एक नया जन्म पाओगे; इस बार गलती से जो हुआ सो हुआ; मुझे यकीन है अगली बार एक लंबी पूंछ और 4 टांगों के साथ आओगे।

है स्मार्ट बहुत वो है भेजा ने जिस और हूँ रहा पढ़ से नीचे को मैसेज जो हूँ पागल वो मैं . . . . . क्या हुआ समझ नहीं आया। . . . . . अब मैसेज नीचे से ऊपर की ओर पढ़ो।

नौकर: मालिक कल रद्दी की टोकरी में दस-दस के दो नोट मिले थे। मालिक: मैंने ही उन्हें फेंका था वह असली नहीं हैं। नौकर: इसीलिए तो वापस कर रहा हूँ।

आपने कभी सोचा है कि क्रिकेट में अंपायर और क्लास में टीचर दोनों में क्या समानता है? दोनों करते कुछ नहीं हैं बस खड़े-खड़े उंगली करते रहते हैं।

हालांकि किसी की माँ ने कभी तंत्र विद्या नहीं सीखी है पर जिस लड़की पर उनका बेटा फ़िदा होता है माँ एक नजर में बता देती है कि... . . . . . . . . . ये चुड़ैल है।

लड़की: मेरा जन्मदिन का तोहफा कहाँ है? लड़का: रोड पे लाल रंग की कार देख रही हो? लड़की(ख़ुशी से): वाह! लड़का: उसी रंग की नेल-पॉलिश लाया हूँ तुम्हारे लिए।

रोज़ लोगों से आपके पंगे होंगे; रोज़ आपके घर में दंगे होंगे; याद रखना मुझे SMS नहीं किया तो; आपके 420 बच्चे होंगे; और सब गंजे लुच्चे और लफंगे होंगे।

जिस पल खुदा ने तुम्हें बनाया होगा; हज़ारों साल देखा होगा; लाखों साल निहारा होगा; और फिर एक बार जरूर सोचा होगा; अबे यार बना तो दिया पर यह है क्या?

कोई चीज़ बेवफाई से बढ़कर क्या होगी; गम-ए-तन्हाई जुदाई से बढ़कर क्या होगी; किसी को देनी हो जवानी में अगर सजा; तो वो सजा पढ़ाई से बढ़कर क्या होगी?

लोग आपको बुरा कहें पागल कहें तो बुरा मत मानना हाँ अगर आओ समझदार हैंडसम हैं ऐसा कहें तो रख कर एक चाँटा लगाना क्योंकि... . . . . . . . मज़ाक की भी हद होती है।