संता: मैं तो अपने सारे दोस्तों को भूल गया था! पर एक फिल्म देखी तो सब याद आ गये! बंता: कौन सी फिल्म? संता; कमीने!

बंता: धृतराष्ट्र के 100 बच्चे थे! पाण्डु के सिर्फ 5 ऐसा क्यों? संता: जिनकी आंखे होती है उनको और भी काम होते हैं!

संता (गुस्से में): तुमने कभी उल्लू देखा है? पप्पू (सर खुजा कर): नहीं पापा! संता: नीचे क्या देख रहे हो मुझे देखो!

संता: मेरी सास को कुत्ते ने काट लिया। बंता: ये तो बहुत बुरा हुआ। संता: हाँ बेचारा कुत्ता तड़प-तड़प कर मर गया।

एक दिन संता ने बंता से कहा कि क्या कर रहे हो? तो बंता ने कहा: कुछ नहीं । तब संता ने कहा: साले कुछ तो कर लिया कर ।

डाक्टर: तुम्हारी एक किडनी फेल हो गई है! संता पहले तो बहुत रोया! फिर आंसूं पोंछते हुये पूछा: कितने नम्बर से?

संता सड़क पर घूम रहा था। बंता: ये सड़क कहां जाती है? संता: ये सड़क कहीं नहीं जाती रात दिन यहीं पड़ी रहती है।

बंता: आपका शादी के बारे में क्या बिचार हैं? संता: आदमी रात के लिये अपनी जिंदगी के सारे दिन ख़राब कर लेता है!

बंता: क्या यह हो सकता है कि आप 50 फुट की सीढ़ी से कूदें और आपको चोट भी न लगे? संता: हाँ.. नीचे से पहले स्टैप से कूदो!

संता: तुम दफ्तर में क्या काम करते हो? बंता: कुछ नहीं! संता: फिर तुम्हें यह कैसे पता लगता है कि काम खत्म हो गया!

डॉक्टर: आपका वजन कितना है? संता: चश्में के साथ 75 किलो। डॉक्टर: और चश्में के बिना? संता: वो मुझे दिखता ही नहीं।

बंता संता से: मेरा बेटा क्लास में फर्स्ट आया। संता: अरे वाह! बहुत अच्छे कैसे? बंता: राजधानी एक्सप्रेस में।

बंता: ऐसा क्यों कहा जाता है कि `बच्चे घर का चिराग होते है`? संता: क्योंकि वे कभी भी किसी लाइट को बंद नहीं करते!

बंता: आपकी ट्रांसफर इस शिकायतें सुनने वाले विभाग में क्यों कर दी गई है? संता: क्योंकि मुझे कम सुनने लगा है!

संता: प्रीतो माना की ज़िन्दगी की परेशानियां शराब पीने से हल नहीं होती पर होती तो यह दूध पीने सी भी नहीं है!